Madhya Pradesh

भोपाल क्राइम ब्रांच करेगी नर्सिंग कॉलेजों द्वारा मान्यता हेतु किए गए ऑनलाइन आवेदनों की जांच

सांकेतिक फाेटाे

एनएसयूआई की शिकायत पर राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय ने क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी

भोपाल, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दिए जाने से जुड़े ऑनलाइन आवेदनों में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितताओं की जांच अब भोपाल क्राइम ब्रांच करेगी। यह कार्रवाई एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) की शिकायत के आधार पर शुरू की गई है। राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय ने एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार द्वारा डाक से भेजी गई शिकायत को गंभीरता से लिया है। शिकायत में नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के पोर्टल पर नर्सिंग कॉलेजों के आवेदनों में गंभीर गड़बड़ियों और फर्जी दस्तावेजों के उपयोग का आरोप लगाया गया था।

राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा साेमवार काे जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार द्वारा डाक के माध्यम से प्राप्त शिकायत में नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के पोर्टल पर नर्सिंग कॉलेजों द्वारा किए गए आवेदनों में गंभीर गड़बड़ियों की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया था। उक्त शिकायत में संबंधित दस्तावेज़ों एवं मोबाइल नंबरों की जांच करने का अनुरोध किया गया था। राज्य सायबर सेल ने इस मामले को साइबर अपराध की श्रेणी में गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए क्राइम ब्रांच, भोपाल के पुलिस उपायुक्त को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया है।

दरअसल एनएसयूआई का आरोप है कि मान्यता देने में बड़े पैमाने पर अनियमितता और फर्जीवाड़ा किया गया है, संगठन का आरोप है कि कालेज संचालकों, नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों और एमपी आनलाईन अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा संगठित साइबर अपराध किया गया है जिसकी सजा दोषियों को मिलना चाहिए।

एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि एमपी ऑनलाइन और नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल दोनों की मिलीभगत से जिन कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता प्रदान की गई है, उसका खामियाजा भविष्य में मध्यप्रदेश समेत पूरे देश के लाखों नर्सिंग छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ेगा। यह मामला न केवल शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करता है बल्कि राज्य के प्रशासनिक तंत्र की साख पर भी गंभीर असर डालता है। परमार का कहना है कि जब तक इस संगठित अपराध में शामिल कॉलेज संचालकों, नर्सेस काउंसिल अधिकारियों और निजी कंपनी के जिम्मेदार पदाधिकारियों पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक एनएसयूआई छात्रहितों की इस लड़ाई को सड़क से लेकर शासन-प्रशासन तक जारी रखेगी ।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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