
शिमला, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश डोगरा ने बागवानी बहुल क्षेत्रों में सड़कों पर सड़ रहे एचपीएमसी के सेब के मुद्दे पर राज्य सरकार और शिमला जिला के मंत्रियों पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जुब्बल-कोटखाई, रोहड़ू, रामपुर, ठियोग और चौपाल जैसे प्रमुख सेब उत्पादक क्षेत्रों की सड़कों पर आज भी एचपीएमसी द्वारा खरीदा गया सेब सड़ रहा है, जबकि शिमला जिले के तीनों मंत्री इस गंभीर स्थिति पर “कुंभकर्णी नींद” में सोए हुए हैं।
डोगरा ने कहा कि अब हालात इतने खराब हो गए हैं कि सड़े हुए सेबों की बोरियां नालों और पेयजल स्रोतों के पास तक पहुंच चुकी हैं, जिससे पानी दूषित हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया, तो यही सड़ा हुआ सेब पानी के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंचकर बीमारियां और संक्रमण फैला सकता है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश अभी हाल ही में प्राकृतिक आपदाओं से उबरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सरकार की लापरवाही ने अब स्वास्थ्य संकट को जन्म दे दिया है।
उन्होंने कहा कि सड़े हुए सेब की बोरियां अब बागवानों के लिए आफत बन गई हैं। इन्हें नदियों और नालों में फेंका जा रहा है, जिससे जनस्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। डोगरा ने कांग्रेस नेताओं के बयानों को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि जुब्बल-कोटखाई के कांग्रेस नेता और शिक्षा मंत्री सार्वजनिक मंचों से यह कह रहे हैं कि “अगर सेब की बोरियां सड़ रही हैं तो बागवानों का क्या नुकसान?”
डोगरा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने तो बागवानों से यह तक कह दिया कि “बोरियों की पर्ची को ही चैक समझो।” उन्होंने कहा कि बागवानों से पिछली एमआईएस योजना के तहत खरीदे गए सेब का करोड़ों रुपये का भुगतान अब तक लंबित है, और सरकार की यह बेरुखी बागवानों के साथ दोहरा अन्याय है।
भाजपा प्रवक्ता ने बागवानी मंत्री और शिक्षा मंत्री पर इस मुद्दे पर चुप रहने और निष्क्रियता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस साल जब बागवानों को सरकार की सबसे अधिक जरूरत थी, तब शिक्षा मंत्री अपने क्षेत्र से ही नदारद रहे। डोगरा ने मांग की कि सरकार जल्द से जल्द सड़ रहे सेब का उचित निस्तारण करे और बागवानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाए।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
