
जबलपुर, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कटनी जिले के बरही तहसील में खनन का मलबा डंप करने जिला प्रशासन द्वारा राजनीतिक दबाव में एक सड़क को खनन ठेकेदार तिलकराज ग्रोवर को किराए पर देने वाले मामले को संजीदगी से लिया है।
बेंच ने न सिर्फ विवादित सड़क पर कचरे की डंपिंग पर रोक लगाई, बल्कि कटनी के कलेक्टर और तिलकराज ग्रोवर को अगली सुनवाई 10 नवम्बर को हाजिर होकर जवाब देने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अर्पण जे पवार व अधिवक्ता अक्षत अरजरिया हाजिर हुए। उन्होंने दलील दी कि हाईकोर्ट की रोक के बाद भी रोड पर खनन का मलबा विवादित सड़क पर डंप किया जा रहा है।
कटनी के पत्रकार संदीप जायसवाल व दो अन्य की ओर से दायर इस जनहित याचिका में आवेदकों का कहना है कि खनन का मलबा डंप करने जिला प्रशासन ने राजनीतिक दबाव में बरही तहसील के ग्राम कन्नौर के खसरा क्र. 861 की 65 हेक्टेयर जमीन तीन सौ रुपए के वार्षिक किराए पर आवंटित की है।याचिका में आरोप है कि राजनीतिक दबाव में यह जमीन तिलकराज ग्रोवर को किराए पर आवंटित कर दी गई और अब खनन का मलबा डालकर उस सड़क को बंद किया जा रहा है।
इस बारे में कलेक्टर को शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। आवेदकों का कहना है कि जो जगह डंपिंग के लिए दी गई, वहां कच्चा रोड है, जिसका कन्नौर, बिचपुरा और करौंदीखुर्द के वाशिन्दें पिछले कई वर्षों से उपयोग कर रहे हैं। राजस्व रिकॉर्ड में भी यह जमीन रास्ते के रूप में दर्ज है।
चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कलेक्टर और तिलकराज ग्रोवर को हाजिर होकर जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक