
उत्तरकाशी, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विकास खण्ड भटवाड़ी के टकनौर घाटी
में जंगली जानवरों का आंतक बना है।क्षेत्र के ग्रामीणों पर कृषि कार्य करते वक्त भालू जानलेवा हमला कर रहे हैं। वहीं काश्तकारों की फसलों को भी भालू नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वन विभाग के वन दरोगा गौरव कुमार के नेतृत्व में सोमवार को वन विभाग की टीम ने क्षेत्र में गस्त बढ़ाकर लोगों वन जीवों से बचने के लिए जागरूक किया हैं। क्षेत्र में वन बीट अधिकारी, अत्तर सिंह गुसाई, गौतम सिंह नेगी, शूरवीर सिंह आदि ने टकनौर रेंज भटवाड़ी के सभी कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि यदि कहीं पर भालू दिखता है तो वहां से दूर चले जाएं और आसपास के लोगों को कट्ठा करें, जिससे भालू हमला न कर सकें और सूचना वन विभाग की टीम को दें । उन्होंने ग्रामीणों से अपील है कि खेती कार्य के लिए अकेले न जाएं।
बता दें कि टकनौर क्षेत्र के लोगों का मुख्य व्यवसाय बागवानी और खेती के लिए मशहूर है । हर्षिल वैली के सेब देश भर की मंडियों में अपनी अलग पहचान रखतें हैं । वहीं निचले क्षेत्र में आलू , गेहूं, सोयाबीन,चौओलाई,राजमा जैसी फसलें खूब उगाई जाती है। लेकिन इस बार किसानों का कहना है की जहां आलू औने-पौने दाम मे बिका वहीं अब सोयाबीन और राजमा पर भी भालू का बसेरा है । रैथल गांव के कास्तकार देवेन्द्र पंवार के द्वारा बताया कि भालू के द्वारा जहां मेरे स्वयंम के पांच, छः खेत सोयाबीन नष्ट किए गए है वहीं अन्य ग्रामीणों का भी नुकसान हुआ है और अब तो भालू का भय इतना है कि लोग अपने खेतों में जाने से भी डर रहें हैं।
वहीं पूर्व ग्राम प्रधान मनोज राणा ने बताया की वन विभाग के उच्च अधिकारियों से भी इस सम्बन्ध में बात करतें हैं। ताकि खेती-बाड़ी के समय लोगों को सुरक्षा प्रदान हो और वन विभाग इस क्षेत्र में गस्त करता रहें क्योंकि हमारे सीमांत क्षेत्र के लोग अधिकतर खेती पर निर्भर है और सरकार को किसानों के लिए विशेष निति तैयार करनी चाहिए जिससे किसानों का मनोबल कमजोर न पड़े और वह अपनी खेती से मायूस होकर पलायन करने को मजबूर न हो ।
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
