Jharkhand

गुरु नानक देव के 556वें प्रकाश पर सजा रैन सवाई दीवान

प्रकाश पर्व पर जुटे श्रद्धालु
जुटे श्रद्धालु

रांची 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा की ओर से गुरु नानक देव के 556वें प्रकाश के उपलक्ष्य में रातू रोड स्थित गुरुद्वारा साहिब कृष्णा नगर कॉलोनी में बुधवार को रैन सवाई दीवान सजाया गया।

दीवान की शुरुआत रात में स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल और रेशमा गिरधर ने सबना का मा प्यो आप है.. और करतारपुर करता बसे संतन के पास…शबद गायन से हुई।

हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने कथावाचन कर गुरुनानक देव की जीवनी से संगत को रूबरू कराया और उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया।

गुरुद्वारा साहिब के रागी जत्था भाई महिपाल सिंह और साथियों ने धन नानक तेरी बडी कमाईत… और सबते बडा सतगुर नानक जिन कल राखी मेरी..एवं मन तन तेरा तेरा तन भी तेरा..शबद गायन किया।

प्रकाश पर्व में विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे सिख पंथ के महान कीर्तनी जत्था भाई सरबजीत सिंह जी दुर्ग वाले ने गुरु नानक बोलैं दरगह परवान दास की लाज रखे मिहरवान….और कल तारण गुरू नानक आया, भया अनंद जगत विच…एवं धन बाबा नानक तू ही निरंकार….शबद गायन कर साथ संगत को गुरबाणी से जोड़ा। बीच-बीच में उन्होंने गुरु इतिहास से जुड़ी साखियां भी सुनाई।

आरती का शबद गायन किया गया

प्रकाश पर्व को मुख रखते हुए पिछले दो दिनों से पढ़े जा रहे श्री अखंड पाठ साहिब जी की समाप्ति हुई। इसके बाद भाई महिपाल सिंह ने आरती का शबद गायन किया। अरदास, हुकुमनामा और कढ़ाह प्रसाद एवं मिष्टान वितरण के साथ दीवान की पूरी समाप्ति हुई। मंच संचालन मनीष मिढ़ा ने किया।

सत्संग सभा के अध्यक्ष अर्जुन देव मिड्ढा ने भाई सरबजीत सिंह दुर्ग वाले और साथियों को सरोपा देकर सम्मानित किया। संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी और प्रकाश पर्व में सभी सेवा करने वाले सेवादारों का आभार प्रकट किया। दीवान समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर भी चलाया गया, जिसमें संगत ने पंगत में बैठकर एक साथ गुरु का लंगर चखा।

इससे पहले प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में साथ संगत ने पिछले एक साल से पढ़े जा रहे श्री सहज पाठ साहिब जी की सामूहिक समाप्ति हुई।

मौके पर सभी पाठ पढ़ने वालों को सत्संग ने सरोपा ओढ़ाकर नवाजा गया।

तीन दिवसीय आयोजन में पंडाल निर्माण की सेवा में हरविंदर सिंह बेदी, अश्विनी सुखीजा, रमेश पपनेजा, इंदर मिढा, नरेश पपनेजा, पंकज मिड्ढा लंगर की सेवा में अशोक गेरा, राजकुमार सुखीजा, अर्जुन दास मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, हरीश मिढ़ा, अनूप गिरधर, मोहन काठपाल और विनोद सुखीजा एवं जोड़े की सेवा में बसंत काठपाल,प्रेम मिढ़ा, पुरुषोत्तम सरदाना, लक्ष्मण अरोड़ा, आयुष पपनेजा, राहुल दुआ, शानु चूचरा, कमल सरदाना की विशेष सक्रियता रही।

—————

(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak