
रांची, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन (इंटक) की ओर से बुधवार को धुर्वा स्थित यूनियन कार्यालय में इंटक की कार्यकारिणी बैठक हुई। इस अवसर पर यूनियन के महामंत्री सह इंटक के राष्ट्रीय संघटन सचिव लीलाधर सिंह ने कहा कि एचईसी में कार्यादेश कि कोई कमी नहीं है। बशर्तें प्लांट में लगातार उत्पादन प्रक्रिया हो। उत्पादन विक्रय के बाद मिले रुपये से ही एचईसी कर्मियों का वेतन भुगतान नियमित हो सकेगा।
लीलाधर ने कहा कि बैंक से व्यक्तिगत ऋण लेनेवाले कामगार के वेतन के साथ ईएमआई का बैंक को भुगतान साथ-साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ठेका कामगार के ठेका का टेंडर प्रक्रिया को जल्द शुरू करना चाहिए क्योंकि मात्र ठेका अवधि दो माह शेष है। उन्होंने कहा कि नये ठेका हुए चार माह से अधिक समय होने के बावजूद हेवी मशीन बिल्डिेंग प्लांंट (एचएमबीपी) के एसएफडब्लू, मुख्यालय के कुछ ठेका कामगार और फाउंड्री फोर्ज प्लांंट (एफएफपी) के कुछ शॉप में कामगार को अबतक वेतन भुगतान नहीं मिलता दुखद है। अपने कर्मियों को वेतन नहीं मिले इसके लिए प्रबंधन जिम्मेवार है।
प्रबंधन को चाहिए कि वह वोलेंट्री प्रोविजनल फंड (वीपीएफ) का भुगतान वेतन के साथ ही कामगार को सौंपे। साथ ही कर्मियों को सीपीएफ ॠण कि प्रक्रिया चालू करे। ताकि आर्थिक संकट में कामगार इसका उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि साल 2018 बैच के तकनीक कामगार की प्रोन्नित प्रक्रिया को भी जल्द चालू किया जाना चाहिए। सिंह ने कहा कि सारी आर्थिक संकट के बावजूद कामगार को नवम्बर में वेतन भुगतान कि व्यवस्था होना चाहिए।
बैठक में गिरीश कुमार चौहान, राजेन्द्र कान्त महतो, भोला साव, दिलीप, राममोहन बैठा, जगन्नाथ राम सहित कई एचईसी कर्मी मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar