
शिमला, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हो रही है। वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में अब तक 12,378 युवाओं को रोजगार मिला है, जो रोजगार मेलों, संयुक्त प्लेसमेंट ड्राइव और कैंपस भर्तियों के माध्यम से प्राप्त हुआ। इसके अलावा, 14,421 से अधिक छात्रों और 1,203 संकाय सदस्यों ने डिजिटल लर्निंग के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की है, जिसमें मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (MOOCs) और स्टडी वेब ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (SWAYAM) प्लेटफॉर्म शामिल हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार काे ये जानकारी दी।
उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य के तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा क्षेत्र में रोजगार सृजन, औद्योगिक सहयोग, नवाचार और भविष्य के लिए कुशल युवाओं को तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षा के इस क्षेत्र में कई सुधारात्मक निर्णयों के सकारात्मक परिणाम अब दिखने लगे हैं। अब परंपरा-आधारित प्रशिक्षण से हटकर ए-आई आधारित अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों की दिशा में काम किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में 348 तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का एक मज़बूत नेटवर्क कार्यरत है, जिसमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के इंजीनियरिंग कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज, पॉलिटेक्निक और आईटीआई संस्थान शामिल हैं। सुलह में सरकारी फार्मेसी कॉलेज और जंडौर में सरकारी पॉलिटेक्निक की स्थापना से गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा का विस्तार हो रहा है।
तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों में भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रमों को शुरू किया गया है, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मेक्ट्रोनिक्स जैसी नई तकनीकों के विषय शामिल हैं। इसके अलावा, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 19 आधुनिक व्यावसायिक ट्रेड शुरू किए गए हैं।
राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जेएलएन राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, सुंदरनगर के चार स्नातक कार्यक्रमों को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त हुई है, जो शैक्षिक उत्कृष्टता की ओर सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्हाेंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के सहयोग से 11 सरकारी आईटीआई संस्थानों में ड्रोन सेवा तकनीशियन प्रशिक्षण की शुरुआत भी की गई है, जो भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रशिक्षण में अब तक 128 प्रशिक्षुओं को प्रमाणित किया जा चुका है और प्रदेश में ड्रोन इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है।
उद्योग-संस्थान संबंधों को मजबूत करने के लिए विभाग ने 170 से अधिक औद्योगिक साझेदारों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे प्लेसमेंट और इंटर्नशिप के लिए एक प्रणाली विकसित की जा रही है। एनएटीएस और एनएपीएस योजनाओं के तहत प्रशिक्षुओं को औद्योगिक अनुभव भी प्रदान किया जा रहा है।
प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की अधोसंरचना को मजबूत किया जा रहा है। एडीबी द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के तहत 80.98 करोड़ रुपये की लागत से 50 आईटीआई, एक पॉलिटेक्निक और एक इंजीनियरिंग कॉलेज की मशीनरी और उपकरणों का उन्नयन किया गया है, जिससे लगभग 5,880 छात्र लाभान्वित हुए हैं।
इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम, कंप्यूटर, बिजली बचाने वाले इनवर्टर, ऑन-ग्रिड सौर संयंत्र और सौर स्ट्रीट लाइट जैसी स्मार्ट सुविधाएं कई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में स्थापित की जा रही हैं। केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत 36 आईटीआई में 1.20 करोड़ रुपये की लागत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम स्थापित किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा