West Bengal

वंदे मातरम् के 150 वर्ष पर बोले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य, आज की पीढ़ी को जानना होगा ‘वंदे मातरम्’ का पूरा स्वरूप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य

कोलकाता, 05 नवंबर (Udaipur Kiran) । वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सॉल्टलेक स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने पत्रकारों को संबोधित किया।

अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने ऋषि बंकिमचंद्र चटर्जी की रचना ‘वंदे मातरम्’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल ब्रिटिश काल में ही नहीं, बल्कि आज भी भारत के हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

उन्होंने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों से लेकर सीमाओं पर तैनात हमारे जवान और राजनीतिक दल—सबके बीच ‘वंदे मातरम्’ एकता और भावनाओं का प्रतीक है। आने वाले सात नवंबर से पूरे एक वर्ष तक देशभर में इसका उत्सव मनाया जाएगा।

भट्टाचार्य ने कहा ‘वंदे मातरम्’ वह उद्घोष था जिसके लिए अनेक क्रांतिकारियों ने फांसी का फंदा चूमा, और मातंगीनी हाजरा जैसी वीरांगनाओं ने अपने सीने पर गोलियां झेली थीं। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस ने इस गीत के विरोध में प्रदर्शन किया था, यह कहते हुए कि मुसलमान इसे नहीं गा सकते। उस समय ममता बनर्जी भी लोकप्रिय नेता थीं, लेकिन उन्होंने कभी विरोध नहीं किया।

उन्होंने याद दिलाया कि 1937 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ‘वंदे मातरम्’ को खंडित कर दिया गया था। हम चाहते हैं कि नई पीढ़ी संक्षिप्त नहीं, बल्कि पूर्ण ‘वंदे मातरम्’ का स्वरूप जाने।

भट्टाचार्य ने बताया कि पार्टी के केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय नेता इस अभियान में भाग लेंगे। कल 61 स्थानों पर अखंड वंदे मातरम् गाया गया और यह कार्यक्रम पूरे एक महीने तक चलेगा।

उन्होंने आगे कहा कि हुगली स्थित वंदे मातरम् भवन में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल उपस्थित रहेंगे।

उत्तर 24 परगना के काठालपाड़ा में, जहां बंकिमचंद्र का पैतृक निवास था, वहां केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार मौजूद रहेंगे।

मुर्शिदाबाद के लालगोला में वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा, कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट में राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और उत्तर 24 परगना में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव शामिल होंगे।

भट्टाचार्य ने कहा, “हम गर्व करते हैं कि ‘वंदे मातरम्’ बंगाल की धरती पर लिखा गया। लेकिन बाद में जब कुछ नेताओं ने इसे सांप्रदायिक कहकर विवाद खड़ा किया, तो यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण था।”

उन्होंने तृणमूल सांसद सौगत राय और पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की उस टिप्पणी की भी आलोचना की जिसमें ‘वंदे मातरम्’ को लेकर आपत्तियां जताई गई थीं।

भट्टाचार्य ने अंत में कहा कि आज की पीढ़ी को आनंदमठ का इतिहास जानना जरूरी है। ‘वंदे मातरम्’ भारत की आत्मा और भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ध्वनि है। इसी भावना को जीवित रखने के लिए भाजपा पूरे वर्ष विविध कार्यक्रमों के माध्यम से इसका उत्सव मनाएगी।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय