Haryana

सिरसा: वैरागन बनी दो सगी बहनों का रानियां में तिलक अभिनंदन समारोह

शोभायात्रा के दौरान वैरागन बहने आराध्या जैन व कृतिका जैन।

सिरसा, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सिरसा जिले के रानियां कस्बा में रविवार को वैरागन दो सगी बहनों आराध्या व कृतिका जैन का तिलक रस्म समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। आराध्या व कृतिका जैन की दीक्षा 22 फरवरी 2026 पंजाब के मलेरकोटला में भारती पंजाब सिंहनी स्वाती महाराज के निश्राय में होगी। इसके बाद दोनों बहने भौतिक दुनिया से नाता तोड़ संयम के पथ पर आगे बढ़ते हुए अध्यात्म की दुनिया की ओर प्रस्थान करेंगी।

रविवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान दोनों बहनों को दुल्हन की तरह सजाया गया। ओपन गाड़ी में ढोल-नगाड़ों के साथ शोभायात्रा निकाली गई, जोकि रानियां के प्रमुख बाजारों से होकर निकली। शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालुओंं ने खूब नाच गाकर उन्हें संयम के पथ पर आगे बढऩे का हौसला बढ़ाया। जैन धर्मशाला में जैन सभा के प्रधान द्वारा दोंनों वैरागनों को तिलक लगाकर रस्म प्रक्रिया पूरी शुरू की।

पंजाब के जालंधर शहर की सोनिया जैन व नरेश कुमार की पुत्रियांं आराध्या जैन पिछले 8 साल से महासाध्वी स्वाती जी महारा के साथ वैरागन के रूप में रही हैं वहीं कृतिका जैन अपनी बहन के पदचिह्नों पर चलते हुए साढ़े 7 वर्ष से वैरागन हैं। सुख-सुविधाओं को त्यागकर वे सांसरिक दुनिया से दूर होकर आध्यात्मिक ज्ञान पाने की राह पर चल पड़ी हैं। बता दे कि महासाध्वी स्वाती जी महाराज ने आचार्य श्री डा. शिवमुनि जी महाराज की आज्ञानुसार कुछ दिन पहले मलेरकोटला के श्रीसंघ के आग्रह पर आराध्या और कृतिका जैन की दीक्षा पंजाब में करवाने के लिए जैन सभा रानियां में प्रवचनों में ही घोषणा की थी। जिसके बाद वैरागन आराध्या और कृतिका जैन ने सूरत गुजरात पहुंचकर आचार्य डा. श्री शिव मुनि जी महाराज से आशीर्वाद लिया।

तिलक समारोह के दौरान वैरागन आराध्या तथा कृतिका ने अपने संबोधन में कहा कि दोंनो बहनों को बचपन में धर्म में रूचि थी। उनकी माता सोनिया जैन धार्मिक प्रवृति की थी जो अकसर जैन सभा में प्रवचनों में जाती थी। उनकी माता कभी कभी अपने साथ ले दोंनो बहनों को भी ले जाती थी। जैन साध्वियों के त्याग व तपस्या में उनके मन में आया किया क्या वह भी ऐसा कर सकती है तो मन से आवाज आई जरूर, बस वहीं से धर्म के संस्कार जाग गए और जैन दीक्षा लेने का भाव बन गए।

आराध्या ने कहा कि आज के भौतिकवादी वातावरण से दूर रहना मुश्किल नहीं नामुकिन है, क्योंकि आज मोबाइल, टीवी, इंटरनैट का जमाना है। लेकिन जब धर्म का जनून जीवन में आता है तो से सभी भौतिकवादी बातें भी बेमानी लगती है। इसी जनून से ही उन्होंने त्याग के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया है। इस मौके पर एसएस जैन सभा के प्रधान बहादर जैन, सचिव सोमप्रकाश, उपाध्यक्ष नरेश जैन, मोहन लाल, सुरेन्द्र जैन, जीत जैन, साहिल जैन सहित अंबाला, हनुमानगढ, रोड़ी, गुडगांव, भदौड, फतेहाबाद, मलोट, चौटाला, सरदूलगढ, बंबीहा, झुम्बा सहित जैन समाज के अनेक लोग मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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