

रांची, 05 नवंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड की राजधानी रांची में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्वर्ण रेखा नदी सहित अन्य सरोवरों के तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही महिला, पुरुष और बच्चे स्वर्ण रेखा नदी पहुंचकर स्नान किया और फिर भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया।
कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर इक्कीसों महादेव धाम, स्वर्णरेखा नदी तट पर सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं का स्नान एवं मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हुई। कई श्रद्धालु परिवार के साथ भगवान सत्यनारायण की कथा पंडितों से सुनते देखे गए, तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्वर्ण रेखा नदी में स्नान कर दान-पुण्य करते नजर आए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्षों से स्वर्णरेखा नदी के तट पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन मेला लगता आ रहा है। इस मेले में कोकर, नामकुम, चुटिया, डोरंडा, जगरन्नाथपुर, नगड़ी, बेड़ो, रामपुर, बुंडू, तमाड़, खूंटी, सिल्ली और ओरमांझी सहित कई इलाकों से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
पंडित मनोज पांडेय ने बताया कि हिंदू धर्म में व्रत, त्योहार और स्नान का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा और सरोवर में स्नान कर पुण्य प्राप्ति के लिए लोग गंगा घाटों पर पहुंचते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ दीप दान का विशेष महत्व होता है।
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर नदी और मंदिर के आसपास मेला लगा था। मेला में चाट, फुचका के ठेले, गन्ना, बच्चों के खिलौने, पूजन सामग्री की कई दुकानें लगी थीं। पूजन सामग्री की दुकानों में महिलाओं और चाट-फुचका की दुकानों में युवक-युवतियां और बच्चों की भीड़ लगी थी। इस दौरान पुलिस टीम भी तैनात दिखी।
राजधानी रांची के मेन रोड स्थित संकट मोचन मंदिर, काली मंदिर, पहाड़ी मंदिर सहित सभी मंदिरों में भी लोग सुबह से ही पूजा-अर्चना करते देखे गए।—————
(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे