Maharashtra

ठंड बढ़े तो रूखी हवा से आँखें बचाएं,डॉ शुभांगी ठाणे सिविल अस्पताल

Protect your eyes from infection Dry air

मुंबई,5 नवंबर ( हि.स.) । मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि ठंड का प्रकोप बढ़ेगा और इस दौरान शरीर के साथ-साथ आँखों का भी विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है, नेत्र रोग विशेषज्ञों ने सलाह दी है। ठंडी हवाएँ, शुष्क हवा और स्क्रीन के सामने ज़्यादा समय बिताने का आँखों पर सीधा असर पड़ता है और आँखों में सूखापन, लालिमा, आँखों से पानी आना और धुंधली दृष्टि की शिकायतें बढ़ सकती हैं।

सर्दियों के मौसम में बेमौसम बारिश के कारण ठंड कुछ देर तक रही है। हालाँकि, ठंड के दिनों में आँखों की देखभाल भी उतनी ही ज़रूरी है। ठंड हवा में नमी को कम कर देती है। इससे आँखों की प्राकृतिक नमी कम हो जाती है। इसके लिए घर पर ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करने, पर्याप्त पानी पीने और डॉक्टर की सलाह के अनुसार कृत्रिम आँसू (आर्टिफिशियल टियर्स) का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।बाहर जाते समय ठंडी हवा और धूल का आँखों पर सीधा असर पड़ता है। इसलिए धूप का चश्मा या सुरक्षात्मक चश्मे का इस्तेमाल ज़रूरी है। सिविल अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभांगी अंबाडेकर ने बताया कि इससे आँखें ठंड, धूल और तेज़ रोशनी से सुरक्षित रहती हैं।

गाजर, पालक, बादाम, अखरोट और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ आँखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। साथ ही, विटामिन ए, सी और ई की पूर्ति से दृष्टि संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं।

सर्दियों में मोबाइल फोन और कंप्यूटर पर बिताया जाने वाला समय बढ़ जाता है। इसलिए, हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए स्क्रीन से नज़र हटाने की सलाह दी जाती है (20-20-20 नियम)। इससे आँखों पर पड़ने वाला तनाव कम होता है। ठंड का आनंद लेते हुए अपनी आँखों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही ज़रूरी है। थोड़ी सी सावधानी और सही आदतें अपनाने से आपकी आँखें स्वस्थ रहेंगी और सर्दी भी सुहावनी रहेगी।

ठाणे सिविल अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शुभांगी अंबाडेकर का कहना है कि थकान और नींद की कमी से आँखें रूखी हो जाती हैं। रोज़ाना कम से कम सात से आठ घंटे की नींद लेने से आँखों को आराम मिलता है और वे तरोताज़ा रहती हैं।

डॉ शुभांगी ने बताया कि यदि आँखों में खुजली, लालिमा, पानी आना या धुंधलापन जैसी शिकायतें बढ़ जाती हैं, तो बिना स्वयं दवा लिए किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।

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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा