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‘वॉयस थ्रू द लेंस’ प्रतियोगिता में ब्रह्मपुत्र की कहानियों की हुई प्रदर्शनी, संगीता मेधी की फिल्म सर्वश्रेष्ठ चुनी गई

वॉयस थ्रू द लेंस’ प्रतियोगिता में ब्रह्मपुत्र की कहानियों की हुई प्रदर्शनी , संगीता मेधी की फिल्म सर्वश्रेष्ठ चुनी गई

गुवाहाटी, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । असम की जीवनरेखा ब्रह्मपुत्र पर आधारित “वॉयस थ्रू द लेंस” मोबाइल लघु वीडियो प्रतियोगिता में संगीता मेधी की सलमोरा एक नदी डायरी ने सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र का पुरस्कार जीता, जबकि बोंडिप सरमा, आकाश दीप और मृदुपवन पराशर की नादिया के दुई पार को सर्वश्रेष्ठ फिक्शन श्रेणी में पहला स्थान मिला। सुहासिनी हैंडिक की शिफ्टिंग शोर: अनस्क्रिप्टेडब्रह्मपुत्र डायरी को जूरी विशेष उल्लेख पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

गुवाहाटी स्थित संस्था केयर लुइट ने इस प्रतियोगिता का आयोजन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और केंद्रीय पोत परिवहन, जलमार्ग और बंदरगाह मंत्रालय के सहयोग से किया। इसमें असम के विभिन्न हिस्सों से युवाओं ने भाग लिया और ब्रह्मपुत्र से जुड़ी संस्कृति, जीवन और भावनाओं को अपने मोबाइल कैमरे के जरिये प्रस्तुत किया।

“ब्रह्मपुत्र की गूंज – समय और ज्वार के बीच बहने वाली कहानियां” विषय पर आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता परवेज अहमद और गुवाहाटी थिएटर सोसाइटी की अध्यक्ष गायत्री सरमा जूरी सदस्य थीं। सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र और फिक्शन श्रेणी के विजेताओं को 50,000 रुपये और प्रमाणपत्र, जबकि जूरी विशेष उल्लेख श्रेणी के विजेता को 25,000 रुपये और प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।

पुरस्कार वितरण आईडब्ल्यूएआई गुवाहाटी के क्षेत्रीय निदेशक प्रबिन बोरा ने किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र केवल एक नदी नहीं, बल्कि एक जीवित विरासत है, और इन फिल्मों के जरिये युवाओं ने इसकी सुंदरता के साथ पर्यावरणीय संवेदनशीलता का संदेश भी दिया।

गायत्री सरमा ने कहा कि फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत उनकी सच्चाई थी, जिनमें नदी खुद बोलती नजर आई। वहीं, केयर लुइट के प्रवक्ता ने बताया कि यह प्रतियोगिता कहानी कहने को सभी के लिए सुलभ बनाती है और मोबाइल जैसे साधारण उपकरणों से भी ब्रह्मपुत्र की अनकही कहानियों को सामने लाने में मदद करती है।

उल्लेखनीय है कि साल 2007 में स्थापित केयर लुइट असम में सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण, कला और संस्कृति के लिए कार्यरत एक गैर-लाभकारी संस्था है। “वॉयस थ्रू द लेंस” प्रतियोगिता ने असम के लोगों और ब्रह्मपुत्र नदी के बीच गहरे रिश्ते को रचनात्मक अंदाज में दिखाया।

(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर

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