मुंबई, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बेस्ट कर्मियों का बेस्ट प्रशासन पर 700 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का बकाया हो चुका है। इससे बेस्ट कर्मियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बेस्ट कर्मचारियों के संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मसले का हल जल्द नहीं निकाला गया तो आंदोलन छेड़ा जाएगा।
संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि बेस्ट ने हाल ही में टिकट किराए में वृद्धि की है। इससे दैनिक आय में एक से सवा करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। बेस्ट पर प्रत्येक कर्मचारी का लगभग 30 से 35 लाख रुपये बकाया है। उन्हें बकाया भुगतान के सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं। राज्य सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे, नहीं तो तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
बेस्ट कर्मचारियों के संगठनों का आरोप है कि 4,500 सेवानिवृत्त कर्मियों की इस साल की दिवाली अंधेरे में गुजर गई। इन सभी कर्मचारियों को पिछले तीन वर्षो से ग्रेच्युटी और लीव इनकैशमेंट के साथ अन्य बकाया राशि नहीं मिली है। यह बकाया राशि 700 करोड़ रुपये से ज़्यादा है। खर्च कम करने और आय बढ़ाने के उद्देश्य से बेस्ट ने 2019 से अपने बेड़े में लीज पर बसें लेना शुरू किया।
विभिन्न प्रयोगों के बावजूद बेस्ट के परिवहन विभाग ने न तो अपनी आय बढ़ाई और न ही अपने घाटे को कम किया। साल 2019 में मुंबई मनपा, बेस्ट और ट्रेड यूनियनों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के समाप्त होने के बाद कोई नया समझौता नहीं हुआ है। बेस्ट कर्मचारियों के वेतन पर 150 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने लगे। बेस्ट के विभिन्न श्रमिक संगठनों ने बकाया राशि के लिए बेस्ट को बार-बार पत्र लिखा है। इसके बाद भी इस मसले का हल नहीं निकल सका है।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार