
औरैया, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के विकासखंड भाग्यनगर के ग्राम महतेपुर में स्थित लगभग 150 वर्ष पुराना श्री ठाकुर जी महाराज मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि गंगा-जमुनी सभ्यता की एक जीवंत मिसाल भी है। दीपावली के अवसर पर यहां श्रीराम के अयोध्या आगमन को पूरे ग्रामवासी बड़े उत्साह और हर्षोल्लास से मनाते हैं। परेवा और दूज के दिन आयोजित होने वाली पारंपरिक रामलीला पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है।
महतेपुर की रामलीला की विशेषता यह है कि इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग मिलकर भाग लेते हैं। जिस समय देशभर में सांप्रदायिक मतभेदों की खबरें सुनाई देती हैं, वहीं महतेपुर गांव आपसी भाईचारे और सद्भाव की मिसाल पेश कर रहा है। इस वर्ष भी रामलीला के प्रथम दिवस पुष्प वाटिका मंचन का शुभारंभ गांव के सबसे वरिष्ठ नागरिक शहादत अली (85) ने किया। वे पिछले कई दशकों से मंदिर के जन्माष्टमी और रामनवमी के कार्यक्रमों में भजन-कीर्तन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। शहादत अली शास्त्रीय संगीत में निपुण हैं और जब वे हारमोनियम पर “मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे जाऊं” भजन गाते हैं, तो पूरा माहौल भक्ति से भर जाता है।
उनके परिवार के सदस्य सरकस अली, गुड्डू अली, मेहंदी हसन, रोजी हसन, अनीस अली, जमील अहमद आदि ने भी रामलीला में सक्रिय भागीदारी निभाई। यह नजारा गांव में धर्म और समाज की एकता का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करता है। दूसरे दिन शुक्रवार काे धनुष भंग लीला का शुभारंभ ताल की मडैंया निवासी भरत सिंह गौतम ने फीता काटकर किया और पूरी रात लीला चली। इस दाैरान कई भजनाें ने माहाैल भक्तमय कर
दिया और उपस्थित लाेगाें काे मंत्रमुग्ध कर दिया।
मंदिर समिति के सदस्य राजे त्रिवेदी ने शनिवार काे बताया कि आयोजन को सफल बनाने में ओमजी तिवारी, भारत सिंह कुशवाहा, प्रदीप तिवारी, गौतम शुक्ला, गोलू तिवारी, विशाल पांडे, सर्वेश मिश्रा, प्रदीप मिश्रा, मोनू तिवारी, भगवानदास कठेरिया, रामकृष्ण कुशवाहा, दीपु यादव, जयवीर सिंह, आशुतोष मिश्रा आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हाेंने कहा कि महतेपुर की यह रामलीला आज भी संदेश देती है कि जब समाज एकजुट होता है, तभी संस्कृति सशक्त बनती है।
—————
(Udaipur Kiran) कुमार
