ऊना, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इमीग्रेशन व्यवसाय से जुड़े एक व्यक्ति ने अपने ही पूर्व कर्मचारी और एजेंट पर लाखों रुपये की हेरा-फेरी और धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर नामजद दो व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि दो वर्ष पूर्व उन्होंने अपनी कंपनी में इमीग्रेशन संबंधित कार्यों के लिए एक व्यक्ति को कर्मचारी के रूप में रखा था। इस दौरान उक्त व्यक्ति ने एक अन्य व्यक्ति को एजेंट के रूप में कंपनी में शामिल करवाया। दोनों आरोपियों ने समय के साथ आपसी मिलीभगत से कंपनी के नाम पर ग्राहकों से भारी-भरकम रकम वसूली और उसे कंपनी के खाते में जमा न करके अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर ली।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने दोनों पर पूरा भरोसा किया और उसी भरोसे के तहत कंपनी से संबंधित कार्यों के लिए उन्हें वित्तीय सहायता दी। शिकायकर्ता ने बताया कि उन्होंने आरोपियों को कंपनी के काम के लिए एक कार भी दिलाई, जिसकी डाउन पेमेंट और ईएमआई का भुगतान उन्होंने स्वयं किया। लेकिन बाद में दोनों आरोपियों ने वही कार बिना अनुमति किसी अन्य व्यक्ति को बेच दी और पैसे अपने पास रख लिए।
आरोपियों की इस धोखाधड़ी से कंपनी को लगभग 50 लाख रुपये का भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, कंपनी के उपकरण, कैमरे और कार्यालय सामग्री (मूल्य लगभग 5 से 7 लाख रुपये) भी उन्होंने लौटाने से इनकार कर दिया है। शिकायकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि दोनों आरोपियों ने उनके नाम पर और उनकी कंपनी के नाम से कांगड़ा और ऊना जिले के कई युवाओं से विदेश भेजने के नाम पर पैसे वसूले, जिससे न केवल कंपनी की साख को ठेस पहुंची बल्कि युवाओं को भी आर्थिक हानि हुई।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्होंने दोनों से हिसाब-किताब मांगने की कोशिश की तो उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया और जान से मारने की धमकियां देने लगे। उधर, एसपी अमित यादव ने बताया कि पुलिस मामले की गहन तफ्तीश में जुटी हुई है।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल