
सहरसा, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।
हिन्दुओं के महान आस्था का पावन पर्व छठ पूजा की आस्था, उत्साह और उल्लास के बीच जिले की जीविका दीदियों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी गहरी निष्ठा का परिचय दिया है । आज नहाय-खाय के पवित्र दिन भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मतदान जागरूकता की मशाल जलाने की एक अनोखी पहल की ।
यह पहल स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में चल रहे व्यापक मतदाता जागरूकता अभियान का हिस्सा है ।दीदियों ने इस अवसर पर अपने मतदाता भाइयों से भावनात्मक अपील करते हुए कहा जैसे बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वैसे ही हम अपने भाइयों से निवेदन करती हैं कि वे मतदान के दिन मतदान केंद्र ज़रूर पहुंचें और अपने वोट से लोकतंत्र को सशक्त बनाएं।
यह पहल इस बात का प्रतीक है कि सहरसा की महिलाएँ अब न केवल परिवार और समाज की धुरी हैं, बल्कि लोकतंत्र की भी सशक्त प्रहरी बन चुकी हैं ।आज मध्य विद्यालय प्रांगण, मिल्लत नगर, पतरघट में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में जीविका के विभिन्न ग्राम संगठनों की सैकड़ों दीदियां शामिल हुईं।कार्यक्रम का शुभारंभ मतदाता शपथ से हुआ । इसके बाद एक प्रेरणादायक मतदाता जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें दीदियां हाथों में रंग-बिरंगी तख्तियां और बैनर लिए गांव की गलियों में उतरीं ।पहले मतदान, फिर जलपान”, “मेरा वोट, मेरा अधिकार” और “लोकतंत्र की शान — है मतदान” जैसे नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा ।
कार्यक्रम में दीदियों ने रंगोली और मेहंदी प्रतियोगिता के माध्यम से मतदाता जागरूकता का संदेश रचनात्मक और आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया । इन प्रतियोगिताओं ने ग्रामीणों का ध्यान आकर्षित किया और मतदान के महत्व को सहज, भावनात्मक और प्रेरक रूप से समझाया ।कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता रही 90 वर्ष से अधिक आयु की मतदाता जीविका दीदी कोशीला देवी की प्रेरणादायक उपस्थिति । उम्र के इस पड़ाव पर भी उनका उत्साह और जोश देखने लायक था । एक हाथ में मतदाता जागरूकता का संदेश लिखी मेहंदी, और दूसरे हाथ में मतदान को प्रेरित करती तख्ती थामे कोशीला देवी लोगों से मतदान करने की अपील कर रही थीं । उनकी सक्रिय भागीदारी ने सभी उपस्थित लोगों को गहराई से प्रभावित किया और लोकतंत्र के प्रति समर्पण का अद्भुत संदेश दिया।
डीपीएम जीविका श्लोक कुमार ने कहा —छठ जैसे पवित्र पर्व पर जीविका दीदियों की यह पहल समाज के लिए प्रेरणादायक है । जब महिलाएँ जागरूक होती हैं, तो पूरा समाज जागरूक होता है। सहरसा की दीदियाँ लोकतंत्र की असली शक्ति बन चुकी हैं ।”
(Udaipur Kiran) / अजय कुमार