CRIME

आरपीएससी सचिव बनकर फर्जी पोस्ट डालने पर एफआईआर दर्ज

आरपीएससी सचिव बनकर फर्जी पोस्ट डालने पर एफआईआर दर्ज

अजमेर, 24 अक्टूबर(Udaipur Kiran) । राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव रामनिवास मेहता ने अजमेर के सिविल लाइंस पुलिस थाने में एक अज्ञात व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला सोशल मीडिया पर आयोग सचिव के नाम से एक फर्जी पोस्ट डालने और आयोग की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने से संबंधित है।

शिकायत में सचिव ने बताया कि आयोग ने 15 अक्टूबर 2025 को आरएएस परीक्षा 2023 का अंतिम परिणाम जारी कर उसे आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया था। इसके अगले दिन, 16 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर एक जाली पोस्ट प्रसारित की गई, जिसमें यह दर्शाया गया कि वह पोस्ट आयोग सचिव के हस्ताक्षर से अधिकृत है। सचिव ने स्पष्ट किया कि यह पोस्ट पूरी तरह से फर्जी है और आयोग द्वारा ऐसा कोई दस्तावेज या सूचना जारी नहीं की गई है।

इस फर्जी पोस्ट को लेकर सचिव ने आरोप लगाया कि संबंधित व्यक्ति ने न केवल जाली दस्तावेज तैयार किया, बल्कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और लोक शांति में बाधा उत्पन्न करने का भी प्रयास किया। साथ ही, इस कृत्य से आयोग और सचिव पद की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंची है।

इस मामले में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें प्रतिरूपण कर सचिव पदनाम से जाली दस्तावेज तैयार करने का आरोप शामिल है, जिसके लिए अधिकतम पाँच वर्ष तक का कारावास हो सकता है। इसके अतिरिक्त, जाली दस्तावेज बनाने के लिए दो वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। आयोग और सचिव पद की प्रतिष्ठा को जानबूझकर नुकसान पहुँचाने के इरादे से की गई जालसाजी के लिए तीन वर्ष तक का कारावास हो सकता है। इसी प्रकार, शब्द, संकेत, चित्र या लेख के माध्यम से आयोग की प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने पर भी तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।

इस शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर संख्या 0301 दिनांक 24 अक्टूबर 2025 को दर्ज कर ली है। मामले की जांच सहायक उप निरीक्षक चाँद सिंह को सौंपी गई है

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(Udaipur Kiran) / संतोष

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