
शिमला, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय सर्वदलीय गोरक्षा महाभियान समिति ने प्रदेश और केंद्र सरकार से गौ माता को “राज्य माता” और “राष्ट्र माता” घोषित करने की मांग उठाई है। समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील ठाकुर ने शुक्रवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती देशभर में गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए जनजागरण अभियान चला रहे हैं। इसी क्रम में विभिन्न राज्यों की राजधानियों में गौ ध्वज स्थापित किए जा रहे हैं। पिछले वर्ष अप्रैल में शिमला के जाखू में भी गौ ध्वज की स्थापना की गई थी।
सुनील ठाकुर ने कहा कि समिति ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ईमेल के माध्यम से ज्ञापन भेजा है, क्योंकि राज्यपाल इस समय शिमला से बाहर हैं। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि सनातन धर्म की पूजनीय गौ माता को पशु सूची से हटाकर “राष्ट्रीय माता” का संवैधानिक दर्जा दिया जाए। समिति का कहना है कि गौ माता केवल एक पशु नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म और अध्यात्म की आधारशिला हैं। वेदों में उन्हें ‘अघ्न्या’ अर्थात जिसे मारा नहीं जा सकता, कहा गया है।
समिति का तर्क है कि गौ माता का योगदान न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी यह भारतीय जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। गो आधारित जैविक खाद, गोबर गैस, पंचगव्य चिकित्सा और प्राकृतिक कृषि में गाय की भूमिका अत्यंत उपयोगी है। ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में पाई जाने वाली पहाड़ी नस्ल की गाय ‘वेदलक्षणा’ है, जिसे सरकार को प्रोत्साहन देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने संकल्प लिया है कि देश की प्रत्येक विधानसभा में “रामा गौधाम” की स्थापना की जाएगी और इन केंद्रों में 108 गौशालाएं संचालित की जाएंगी। ठाकुर ने बताया कि समिति उन प्रत्याशियों को समर्थन देगी जो गौ रक्षा को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में संगठन अपने प्रत्याशी भी उतारेगा, क्योंकि कोई भी राजनीतिक दल गाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
सुनील ठाकुर ने कहा कि कई राज्यों ने अपने यहां गौ माता को राज्य माता घोषित कर दिया है, ऐसे में हिमाचल प्रदेश को भी यह कदम उठाना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा देकर गौ संरक्षण के लिए सशक्त कानून बनाए, ताकि देशभर में गौशालाओं को स्थायी आश्रय मिल सके और गोवंश की रक्षा सुनिश्चित हो सके।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
