
जयपुर, 3 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी जयपुर एक बार फिर वन्यजीव संरक्षण और कला-संस्कृति के संगम का साक्षी बनने जा रही है। 11 से 14 दिसंबर तक जवाहर कला केन्द्र में जयपुर टाइगर फेस्टिवल 2025 अपने 7वें संस्करण के साथ रंग और ऊर्जा का नया अध्याय लिखने को तैयार है। सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने फेस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया। इस दौरान फेस्टिवल के फाउंडर पैट्रन धीरेंद्र के. गोधा, अध्यक्ष संजय खवाड़, उपाध्यक्ष डॉ. सर्वेश अग्रवाल, सचिव आनंद अग्रवाल मौजूद रहे।
फेस्टिवल के फाउंडर पैट्रन धीरेंद्र के. गोधा ने बताया कि इस बार कार्यक्रम में कई नए आकर्षण जोड़े गए हैं, जिससे आयोजन और भी भव्य एवं रोचक बन जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकारी एवं गैर-सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के लगभग एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं इस फेस्टिवल में भाग लेकर बाघ एवं वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता प्राप्त करेंगे। संस्था द्वारा हर वर्ष वन्यजीव संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जाता है।
संस्था के अध्यक्ष संजय खवाड़ ने बताया कि इस बार फेस्टिवल में 200 से अधिक स्टॉल्स लगाए जाएंगे, जिनमें कला, संस्कृति और मनोरंजन से जुड़ी प्रदर्शनियां प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेंगी। संस्था के सचिव आनंद अग्रवाल ने कहा कि टाइगर फोटोग्राफी के साथ इस वर्ष टाइगर पेंटिंग्स, वन्यजीव फोटोग्राफ्स और पोस्टल स्टैम्प्स भी प्रदर्शित किए जाएंगे। अनुमान है कि कार्यक्रम में 3 लाख से अधिक आगंतुक शामिल होंगे, जिनमें देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी बड़ी संख्या में होंगे। फेस्टिवल के उपाध्यक्ष डॉ. सर्वेश अग्रवाल ने बताया कि विजेताओं को नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। साथ ही आगंतुकों के लिए लाखों रुपये के लकी ड्रॉ इनाम भी रखे गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले छह वर्षों से जयपुर टाइगर फेस्टिवल बाघ, वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और समाज को इससे जोड़ने का कार्य कर रहा है। इस वर्ष का संस्करण भी पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होने जा रहा है।
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(Udaipur Kiran)