Jharkhand

झारखंड में नियुक्‍त होंगे ई-रक्तकोष प्रणाली के लिए मास्टर प्रशिक्षक : अरोड़ा

कार्यक्रम में शामिल रक्‍तदान केन्‍द्रों के प्रतिनिध‍िगण
बैठक में डॉ नेहा अरोडा समेत अन्‍य

रांची, 3 नवंबर (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव सह स्‍वास्थ्य परियोजना विभाग के निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा है कि अब रक्त केंद्रों में रैपिड टेस्ट नहीं, बल्कि सिर्फ एलिसा, केमील्यू़माईनसीन और नैट परीक्षण ही मान्य होंगे। ताकि रक्त की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

साथ ही झारखंड के हर जिले में ई-रक्तकोष प्रणाली के लिए मास्टर प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। ताकि किसी भी तकनीकी या प्रबंधन संबंधी कमी को जल्‍द दूर किया जाएगा। अरोड़ा सोमवार को ब्लड बैंक मैनेजमेंट सिस्टम (बीटीएस) झारखंड की ओर से ब्लड बैंक मैनेजमेंट सिस्टम (बीबीएमएस) विषय पर नेपाल हाउस में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहीं थी।

कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के सभी रक्त केंद्रों का डिजिटलीकरण कर ब्लड बैंक संचालन में पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करना है। डॉ अरोडा ने कहा कि प्रत्येक रक्त केंद्र के कर्मचारी की कार्य-जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई है। हर किसी को अपने कर्तव्यों का पालन पूर्ण समर्पण के साथ करना होगा। उन्होंने सभी रक्त केंद्रों में कंप्यूटर ऑपरेटर की उपलब्धता और इलेक्ट्रॉन ब्रॉडबैंड प्रबंधन प्रणाली के नियमित डेटा अद्यतन पर भी जोर दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान यह बताया गया कि ई-रक्तकोष और बीबीएमएस के संचालन से संबंधित समस्याओं के समाधान करने के लिए राज्यभर में छह मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।

कार्यक्रम में परियोजना निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा, सी-डैक के राष्ट्रीय विशेषज्ञ रामजी गुप्ता, सदस्य सचिव एसबीटीसी झारखंड, डॉ एसएस पासवान, सहायक परियोजना निदेशक, एमएचएम के डॉ पीके सिन्हा, सी-डैक नोएडा से परियोजना समन्वयक राम गुप्ता सहित अन्य अधि‍कारी मौजूद थे।

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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar