Jharkhand

ईश्वर पर निष्ठा इस बात से तय होती कि आप कठिन समय में कितने अडिग हैं : राजन महाराज

प्रवचन करते राजन महाराज

रांची, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजधानी रांची के बरियातू स्थित मैथन पैलेस में आयोजित तीन दिवसीय रामकथा महोत्सव के द्वितीय सत्र का भव्य समापन गुरुवार को हुआ। कथा मंच पर विश्वप्रसिद्ध आध्यात्मिक प्रवक्ता राजन जी महाराज ने शिव–पार्वती विवाह, हिमालय की तपोभूमि की महिमा और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव का मनोरम वर्णन किया। कथा स्थल राम नाम और भक्ति से सराबोर रहा। श्रोताओं की भावनाओं की तरंगें कथा के साथ जुड़ती रहीं, वहीं वातावरण में हर हर महादेव और जय श्रीराम के उद्घोष बार-बार गूंजते रहे।

राजन जी महाराज ने कहा कि भक्ति कोई पुरानी परंपरा नहीं, बल्कि जीवन को सुंदर और सार्थक बनाने की प्रेरणा है। युवा यदि जीवन में सफल होना चाहते हैं तो उन्हें अपने भीतर श्रद्धा और संयम रखना ही होगा।

उन्होंने शिव-पार्वती विवाह प्रसंग से त्याग, तपस्या, धैर्य और सच्चे प्रेम की प्रेरणा दी और कहा कि देवी पार्वती ने दृढ़ संकल्प के साथ महादेव को पाया। जीवन में लक्ष्य वही पा सकता है, जो धैर्य रखे, आत्मविश्वास न खोए और कठिनाइयों से घबराए नहीं।

वहीं उन्होंने रामजन्म प्रसंग का वर्णन करते कहा कि भगवान राम केवल अवतार नहीं, बल्कि आदर्श हैं। वे यह सिखाते हैं कि जीवन का उद्देश्य केवल सुख भोगना नहीं, बल्कि लोक कल्याण करना है। ईश्वर पर निष्ठा इस बात से तय नहीं होती कि आपने कितनी पूजा की, बल्कि इस बात से होती है कि आप कठिन समय में कितने अडिग रहते हैं। जब समस्याएं आपको तोड़ने की कोशिश करें और फिर भी आप अपने ईश्वर पर अटूट विश्वास रखें, वही सच्ची भक्ति है।

उन्होंने कहा कि जीवन आपको कुछ भी ऐसा देगा जो आपके लिए सर्वोत्तम होगा, लेकिन उसके पहले वह आपको सौ परीक्षाओं से गुज़ारेगा। जो धैर्य रखेगा, वही मंज़िल पाएगा।

इस अवसर पर मुख्य श्री राम कथा आयोजन ट्रस्ट के संयोजक राजेश गुप्ता, कुमार प्रेम चंद, शिव अग्रवाल, पप्पू सिंह, अभिमन्यु प्रसाद, सूरज कुमार, आशुतोष द्विवेदी, संगीता प्रसाद सहित अन्य उपस्थित थे।

—————

(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

Most Popular

To Top