
हमीरपुर, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे के बेरी गांव में पारंपरिक लट्ठमार दीवारी नृत्य का भव्य आयोजन किया गया। यह नृत्य बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और गौरव का प्रतीक माना जाता है, जिसमें युवा कलाकार हाथों में लाठियां लेकर युद्धकला का प्रदर्शन करते हैं।
गांव के छोटी रौहनिया से आरंभ होकर यह दीवारी यात्रा देवी माता मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों से होती हुई ऐतिहासिक किले तक पहुंची। ढोलक की थाप और नगाड़ों की गूंज पर नर्तक लाठियों से अद्भुत पैंतरे दिखाते नजर आए, जिससे पूरा वातावरण रोमांचक हो उठा। यह लट्ठमार दिवाली नृत्य बरसाने की लट्ठमार होली से भिन्न है। इसमें बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। कलाकारों द्वारा दिखाए गए लट्ठ कला के करतबों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह परंपरा बुंदेलखंड की वीरता और लोककला की जीवंत झलक प्रस्तुत करती है। समाजसेवी आकाश पालीवाल ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने के समय से ही बुंदेलखंड में दिवाली नृत्य की परंपरा चली आ रही है। उन्होंने कहा कि बेरी स्टेट गांव में हर वर्ष सबसे शानदार दीवारी नृत्य देखने को मिलता है, जो अब केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है।
(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा