Madhya Pradesh

अनूपपुर: धनतेरस पर फीकी रहीं चमक, दुकानें सजी रहीं नहीं पहुंचे खरीदार

फीकी पडी बाजार
खाली पडी लाई की दुकान
फूल माला सजाता

बर्तन व आभूषणों की दुकानों में भी नहीं रहा दम, दिखा महंगाई का असर

अनूपपुर, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में 6 दिवसीय दीपावली के त्यौहार शनिवार को धनतेरस का प्रारंभ हो गया है। जिला मुख्यालय सहित कस्बे और नगरों के आसपास व ग्रामीण क्षेत्रों में धनतेरस का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा हैं। दुकानदारों ने अपनी दुकानों को आकर्षक ढंग से सजाया था, सुबह से बाजारों में दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते दिखे। जहां दिनभर एका-दुका खरीदार ही दिखे।, शाम को थोडी चहल-पहल रही।

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की भी परम्परा है। लोकमान्यता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है। जिसके कारण गुरूवार को जिला मुख्यालय सहित जैतहरी, कोतमा, बिजुरी, राजेन्द्रग्राम, अमरकंटक जैसे शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण बाजारों में विशेष रौनक रहीं, लेकिन खरीदार नहीं दिखे। सराफा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रोनिक की दुकान, मोबाइल, जेवर और सहित बर्तन की दुकानों पर लोग पहुंचे महंगाई के कारण अपनी पंसद की खरीदारी नहीं कर सकें। सजावटी वस्तुओं की दुकानों पर विशेष रौनक देखने को मिली जहां लोगों ने जमकर खरीददारी की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर धन, वैभव और समृद्धि के लिए बर्तन, सोना-चांदी, झाड़ू, हल्दी, बताशा और गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदना शुभ माना जाता है। इसी आस्था के चलते लोगों ने अपनी क्षमतानुसार चम्मच, कढ़ाई, कुकर, थाली, लोटा, गिलास और चाय सेट जैसे बर्तनों की खरीदारी की।

बाजारों में त्योहार की भीड़ नहीं देखने को मिली। किसी भी अव्यवस्था से बचने के लिए पुलिसकर्मी लगातार गश्त करते रहे। वाहन एजेंसियों पर भी धनतेरस से एक दिन पहले ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई। कई लोग शनिवार को लोहे से बनी वस्तुएं खरीदना शुभ नहीं मानते, जिसके चलते अधिकांश लोगों ने शुक्रवार को ही वाहनों की खरीद कर ली।

पंडितों के अनुसार, धनतेरस का अर्थ ‘धन का तेरह गुना बढ़ जाना’ होता है। यही कारण है कि इस दिन लोग कुछ न कुछ अवश्य खरीदते हैं। शाम को घरों में दीप जलाकर भगवान धन्वंतरि, गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की गई।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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