HimachalPradesh

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने मंडी में किया विशाल विधिक साक्षरता शिविर अभियान का शुभारंभ

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के माननीय न्यायधिपति सूर्यकान्त आपदा प्रभावितों से मिलते हुए।

मंडी, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आज मंडी में विशाल विधिक साक्षरता शिविर अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सूर्यकांत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। यह शिविर नशामुक्त समाज-भारत का संकल्प, पर्यावरण संरक्षण-भूमंडल रक्षण तथा आपदा पीड़ित पुनर्वास विषयों पर केंद्रित रहा।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल प्रदेश से उनका गहरा भावनात्मक संबंध रहा है। हाल के समय में राज्य में आई प्राकृतिक आपदाओं से भारी जनहानि हुई है। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में राज्यवासियों ने आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए आगे बढ़कर जो मानवीय संवेदना प्रदर्शित की है, वह हमारे देश की महानता, चरित्र और सहयोग भावना का प्रतीक है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा राहत कोष की स्थापना को सराहनीय पहल बताया, जिसके माध्यम से पीड़ितों को त्वरित सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं से व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है, जिसके कारणों का गहन विश्लेषण आवश्यक है। हमारी संस्कृति में प्रकृति को माता के रूप में पूजने की परंपरा रही है, परंतु वर्तमान में मानव और प्रकृति के मध्य बढ़ते संघर्ष ने पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंचाई है। इस चुनौती के समाधान हेतु सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस दिशा में केरल राज्य में एक विशेष योजना आरंभ की है, जिसके अंतर्गत पैरा-लीगल वॉलंटियर्स ग्रामीण स्तर पर पर्यावरण संरक्षण एवं जैव विविधता के प्रति जनजागरूकता फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु सरकारें कई योजनाएं संचालित करती हैं, परंतु यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इन योजनाओं का लाभ वास्तव में पात्र लाभार्थियों तक पहुँचे। इस दिशा में विधिक सेवा प्राधिकरण के स्वयंसेवक प्रभावित लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात वीर सैनिकों के परिवारों को कानूनी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से वीर सैनिक सहायक योजना इसी वर्ष से आरंभ की गई है, जिसके लिए प्रत्येक जिला सैनिक कल्याण बोर्ड में व्यवस्था की गई है।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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