
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में नक्सलवाद के पीड़ितों की बात करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में पनपे अर्बन नक्सल इन पीड़ितों की आवाज को आमजन तक नहीं पहुंचने देते थे। उन्होंने कहा, “वे दिन दूर नहीं जब देश नक्सलवाद और माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त होगा और यह भी मोदी की गारंटी है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को टीवी चैनल के सम्मेलन में भाग लिया और श्रीलंका की प्रधानमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में देश के बदलते आर्थिक परिदृष्य और आमजन के जीवन में आते बदलावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में जनता के जीवन में सरकार का दखल और विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी वर्चस्व के स्थान पर लोकतांत्रिकरण हुआ है।
प्रधानमंत्री ने नक्सलवाद पर कांग्रेस को घेरा और कहा कि आज देश के महत 11 जिलों में नक्सलवाद बचा है। इनमें से केवल 3 ही सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। उनकी सरकार की प्रतिबद्धता के चलते माओवादी हिंसा में कमी आई है। पिछले 75 घंटों मे ही 303 नक्सलियों ने आत्मसर्पण किया है। हमारी मेहनत रंग लाई है और अब माओवादी आतंक के प्रभावित क्षेत्रों में खुशियों के दीप जलेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब शासन में ‘सरकारीकरण की मानसिकता’ हावी थी। उस दौर में कांग्रेस सरकार ने पुनर्जीवित करने का प्रयास करने के स्थान पर कई सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) को बंद कर दिया। उनकी सरकार ने इस दृष्टिकोण को बदला है। आज एलआईसी, एसबीआई और अन्य उपक्रम लाभ और सफलता के नए कीर्तिमान बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने देश का अपना भारत में बना 4जी स्टेक लॉन्च किया है। यह एक बड़ी सफलता है। अब भारत दुनिया के शीर्ष 5 देशों में है जिनके पास स्वदेशी 4जी स्टैक है। जिस बीएसएनएल को कभी कांग्रेस ने उपेक्षित किया, वहीं आज 1 लाख 4जी टावरों के साथ आगे बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल-डीजल सब्सिडी कम करने के लिए रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक पेट्रोल पंप बंद रखने का विचार किया था, जबकि आज देश में 24 घंटे सेवा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि देश अब वैकल्पिक ईंधन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में बड़े निवेश कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वास्तविक प्रगति तभी होती है जब लोगों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त वातावरण मिले। उन्होंने 90 के दशक में किए गए आर्थिक उदारीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि आज सुधार किसी दबाव में नहीं बल्कि सच्चे विश्वास और दूरदर्शिता से किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत ने हर शंका और हर चुनौती को मात दी है। आज भारत कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की सूची से निकलकर दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। वहीं, महंगाई 2 प्रतिशत से नीचे और विकास दर 7 प्रतिशत से ऊपर है। अब भारत चिप से लेकर जहाज तक हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत आतंकवादी हमलों पर चुप नहीं बैठता। सर्जिकल स्ट्राइक, वायु हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदमों से भारत ने दुश्मनों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा, “भारत अब रुकने वाला नहीं है। हम न रुकेंगे, न थमेंगे। 140 करोड़ भारतीय मिलकर देश को तेजी से आगे बढ़ाएंगे। जब दुनिया में कई तरह की रुकावटें हैं, तब अजेय भारत की चर्चा होना स्वाभाविक है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की आर्थिक यात्रा नई ऊंचाइयों पर है। उन्होंने बताया कि जी-7 देशों के साथ भारत का व्यापार अब 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुका है। पूरी दुनिया भारत को एक भरोसेमंद, जिम्मेदार और मजबूत साझेदार के रूप में देख रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयों, गाड़ियों और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। यही निवेश भारत को विश्व आपूर्ति श्रृंखला का केंद्र बना रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की प्रगति दुनिया में नए अवसर बना रही है। हाल ही में हुए यूरोपीय देशों के व्यापार समझौते को इसका बड़ा उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि यूरोप के देशों ने भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है, जिससे देश में लाखों नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भारत का सामान निर्यात लगभग 7 प्रतिशत बढ़ा और कृषि उत्पादों का निर्यात साढ़े चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कई देश आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं, तब अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भारत की स्थिति को और मजबूत माना है। एसएंडपी ने 17 साल बाद भारत की साख रेटिंग बढ़ाई है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत की विकास दर का अनुमान ऊपर किया है। हाल में गूगल ने भारत के कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्र में 15 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में भारत की औसत वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही है, जो अभूतपूर्व है।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
