
कानपुर, 17 (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कम्पनी बाग़ स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा शुक्रवार को ग्राम सहतावनपुरवा में निकरा परियोजना के तहत धान फसल में एक दिवसीय प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया है। यह जानकारी शुक्रवार सीएसए मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने दी।
सीएसए मीडिया प्रभारी व मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने बताया कि धान की धान की सीएसआर 46 किस्म क्षेत्रीय जलवायु एवं ऊसर भूमि के लिए अनुकूल है, जिसकी उत्पादन क्षमता लगभग 40 से 45 कु. प्रति हेक्टेयर होने की संभावना है।
उन्होंने कहा साथ ही, किसान इस किस्म की प्रजाति को लेकर काफी उत्साह दिखा रहे हैं। डॉ. खान ने ऊसर भूमि में धान अवशेष प्रबंधन के बारे में किसानों को बताते हुए कहा कि फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन कर फसलों को बिना जुताई किये समय में बुआई कर अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि फसल अवशेष का प्रबंधन करने से मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणवत्ता में वृद्धि की जा सकती है। फसल अवशेष से मृदा में जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे फसल को लंबी अवधि तक मृदा जल प्राप्त होता है।
डॉ अरुण कुमार सिंह ने सीएसआर 46 धान की विशेषता बताते हुए कहा कि यह किस्म जिले के लिए बहुत अच्छी है। उन्होंने किसानों को हर संभव तकनीकी सहायता देने का आश्वासन दिया।
इस बैठक में किसान छुन्ना सिंह ने किसानों को धान-परती भूमि प्रबंधन के बारे में बताया।
इस मौके पर कृषक सोनकली, पुष्पा देवी, संगीता देवी, मीरा देवी, रामबाबू, पूनम देवी, रामगोपाल,राजू यादव सहित लगभग 30 से अधिक किसानों ने भाग लिया। प्रगतिशील किसान प्रमोद कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ | इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शुभम यादव का महत्वपूर्ण योगदान रहा I
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
