
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को कालिंदी कुंज (मदनपुर खादर) क्षेत्र में यमुना नदी की स्वच्छता और झाग नियंत्रण के लिए बरती जा रही तैयारियों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने वहां यमुना के पानी की जांच के लिए कार्य कर रहे ऑन-साइट लैब सेटअप की रिपोर्ट की भी जांच की और यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया। यह लैब दिल्ली जल बोर्ड के ट्रीटमेंट प्लांट एंड क्वालिटी कंट्रोल विंग के तहत कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग यमुना की स्थिति को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे बचना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि छठ पर्व के दौरान यमुना में इस बार झाग नहीं दिखाई देगा और श्रद्धालु यमुना नदी में पूरे मनोयोग से इस पर्व को मनाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ इस दौरे में विकास व पर्यटन मंत्री श्री कपिल मिश्रा भी रहे।
यमुना नदी के पानी की जांच व अन्य जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि आज यमुना नदी के जल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा 4.0 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई। यह मात्रा नदी के लिए पर्याप्त है और जलीय जीवों के जीवन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। यह मात्रा अगर 2 या उससे नीचे हो तो यमुना व जलजीवों के लिए खतरा बन सकती है। मुख्यमंत्री के अनुसार एक समय था, जब यमुना में ऑक्सीजन लेवल शून्य से भी नीचे चला गया था और उस स्थिति में किसी भी जलीय जीव का जीवित रहना असंभव था। आज जो सुधार देखा जा रहा है, वह दिल्ली में लगातार डीसिल्टिंग, आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपीएस) के पुनरुद्धार और नालों के टैपिंग से संभव हुआ है।
मुख्यमत्री ने बताया कि यमुना नदी के जल की गुणवत्ता की लगातार जांच हो रही है। यमुना नदी में फॉस्फेट का स्तर, जो झाग बनने का मुख्य कारण होता है, वह अब केवल 0.2 दर्ज किया गया है, जबकि इसके 2 पॉइंट से ऊपर होने पर झाग बनना शुरू हो जाते हैं। यमुना में अमोनिया का स्तर भी अब बहुत कम हो गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यमुना में झाग नियंत्रण के लिए उपयोग किए जाने वाले डी-फॉर्मर और अन्य रासायनिक प्रक्रियाएं पूरी तरह से इको-फ्रेंडली और प्रमाणित हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी रसायन पर्यावरण, जल जीवन और जलीय जीवों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित हैं। दिल्ली सरकार हर कदम पर पारदर्शिता और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन कर रही है और इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि यह वही क्षेत्र है जहां पिछले साल तक एक-एक मीटर ऊंचे झाग बनते थे और छठ व्रतियों को उसी झाग में खड़े होकर पूजा करनी पड़ती थी। अब हमारी सरकार के कार्यकाल में की गई व्यवस्थाओं और तैयारियों के कारण आज यहां किसी भी प्रकार का झाग या गंदगी दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि आज यमुना का जल स्पष्ट रूप से स्वच्छ और झाग-मुक्त है। दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इस वर्ष छठ पर्व भव्य और दिव्य रूप से मनाया जा सके, ताकि श्रद्धालु स्वच्छ जल में खड़े होकर श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य भगवान को अर्घ्य दे सकें।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि सैकड़ों कर्मचारी और अधिकारी दिन-रात यमुना की सफाई में जुटे हैं। यह प्रयास सिर्फ सरकार का नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों के सहयोग से यमुना को पुनर्जीवित करने का सामूहिक अभियान है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे फर्जी वीडियो या पुराने फुटेज से भ्रमित न हों, बल्कि वर्तमान स्थिति को स्वयं देखें और समझें।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान विकास व पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली की संस्कृति और परंपरा ही उसकी असली पहचान है और इन्हें सशक्त बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी प्रतिबद्धदा के साथ हमारी सरकार छठ महापर्व के आयोजन की तैयारियों में प्रभावी, निरंतर और तेजी से कदम बढ़ा रही है। कपिल मिश्रा ने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली पूर्ण श्रद्धा व भव्यता के अनुरूप छठ महापर्व की साक्षी बनेगी।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
