
कोलकाता, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। बूथ स्तर के कई अधिकारियों (बीएलओ) ने आरोप लगाया है कि उन्हें मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने के लिए धमकाया जा रहा है। इस संबंध में गुरुवार को बीएलओ के एक समूह ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की है।
चुनावी कर्मचारियों के संगठन इलेक्टोरल वर्कर्स यूनिटी फोरम से जुड़े बीएलओ ने कहा कि उन्हें बूथ स्तर पर चुनावी कार्यों के दौरान सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग की ओर से एसआईआर की अधिसूचना अभी जारी भी नहीं हुई है, फिर भी कई स्थानों से धमकियां मिल रही हैं।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, बीएलओ का कार्य अपने निर्धारित क्षेत्र के हर घर में जाकर मतदाता सूची का अद्यतन और सत्यापन करना होता है। शिकायतों में कहा गया है कि उन्हें पहले से ही बताया जा रहा है कि जिनके पास आधार कार्ड है, उनके नाम सूची में अनिवार्य रूप से जोड़े जाएं। कई बीएलओ ने इस पर आपत्ति जताई है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ बीएलओ को बंदूक दिखाकर डराने-धमकाने की भी घटनाएं सामने आई हैं। कोलकाता के गुलशन कॉलोनी, खिदिरपुर और कस्बा इलाकों से इस तरह की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। आरोप है कि कुछ लोग केवल आधार कार्ड के आधार पर फॉर्म भरवाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
केंद्रीय शिक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि मैंने पहले ही इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। चुनाव आयोग के निर्णय को जिस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चुनौती दी जा रही थी, यह स्वाभाविक था कि ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लंबे समय से पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में फर्जी और अवैध नाम हटाने के लिए एसआईआर कराने की मांग कर रही है। चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिला अधिकारियों व बीएलओ के साथ बैठकें कर प्रशिक्षण भी दिया गया है, हालांकि अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि अगर किसी वैध मतदाता का नाम सूची से हटाया गया, तो राज्यभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।————–
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
