कोलकाता, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सियासत गर्मा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (तृणमूल कांग्रेस) के दो मंत्रियों पर खुलेआम दंगे भड़काने की धमकी देने का आरोप लगाया है। भाजपा ने तृणमूल के दो राज्य मंत्रियाें के धमकी भरे बयान काे लेकर दो वीडियो साझा किए हैं, हालांकि (Udaipur Kiran) इन वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दो वीडियो साझा किए हैं, जिनमें तृणमूल के दो राज्य मंत्री धमकी भरे बयान देते दिख रहे हैं। इन मंत्रियों की पहचान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के राज्य मंत्री ताजमुल हुसैन और सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग की राज्य मंत्री सबीना यासमीन के रूप में की गई है।
भंडारी ने आरोप लगाया कि इन वीडियो में दोनों मंत्री कह रहे हैं कि अगर एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान किसी एक भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। दोनों मंत्री मालदा जिले के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों से आते हैं। अगर मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असफल हैं, तो क्या उन्हें पद पर बने रहना चाहिए? बंगाल को वोट बैंक की राजनीति के लिए तृणमूल के ‘दंगा राज’ के हवाले नहीं छोड़ा जा सकता।
यह पहला मौका नहीं है जब तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर इस तरह के बयान देने का आरोप लगा हो। इससे पहले 10 अक्टूबर को तृणमूल सांसद और पूर्व मंत्री पार्थ भौमिक ने सार्वजनिक सभा में कहा था कि अगर एसआईआर के बाद किसी एक भी वास्तविक मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो पश्चिम बंगाल में उबाल आ जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की थी कि “ऐसे हालात में भाजपा नेताओं को पकड़कर रोक लें।
इससे पहले 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि वे किसी समुदाय का नाम मतदाता सूची से हटाए जाने को बर्दाश्त नहीं करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा था, मैं चुनाव आयोग को आग से खेलने की सलाह नहीं दूंगी। फिलहाल राज्य में प्राकृतिक आपदा के कारण संकट की स्थिति है। कई लोगों के घर बाढ़ में बह गए हैं। वे दस्तावेज कहां से लाएंगे? त्योहारी सीजन चल रहा है, कई लोग बाहर हैं। ऐसे में एसआईआर की प्रक्रिया कैसे चलेगी?
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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
