West Bengal

शुभेंदु ने ममता पर कसा तंज, कहा-भूगोल और वनस्पति विज्ञान के अगले नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करता हूं

Suvendu

कोलकाता, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा है कि वे उन्हें “भूगोल और वनस्पति विज्ञान के अगले नोबेल पुरस्कार” के लिए नामांकित करते हैं। अधिकारी का यह बयान मुख्यमंत्री द्वारा उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में बाढ़ रोकने के लिए मैंग्रोव पौधों के रोपण का सुझाव देने के बाद आया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दार्जिलिंग में आयोजित एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान यह सुझाव दिया था। इस बैठक में हाल ही में उत्तर बंगाल के पहाड़ी, तराई और डुआर्स क्षेत्रों में आई बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पर चर्चा की गई थी।

मुख्यमंत्री के इसी सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं ममता बनर्जी को भूगोल और वनस्पति विज्ञान के अगले नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करता हूं -उनके ऐतिहासिक और क्रांतिकारी विचार ‘मैंग्रोव इन द माउंटेंस’ के लिए।”

अधिकारी ने कहा कि मैंग्रोव पेड़ एक विशेष प्रकार के नमक – सहिष्णु पौधे होते हैं, जो समुद्र तटीय इलाकों में खारे या अर्ध-खारे पानी में उगते हैं। उन्होंने बताया कि मैंग्रोव या ज्वारीय वन प्राकृतिक ढाल का कार्य करते हैं, जो समुद्री तूफानों, चक्रवातों और लहरों से तटीय क्षेत्रों की रक्षा करते हैं तथा जैव विविधता के संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अधिकारी ने कहा, “यह एक जीवंत सुरक्षा तंत्र की तरह है जो तटीय इलाकों को बचाता है। यह दलदली और खारे पानी वाला पारिस्थितिकी तंत्र कई प्रकार के कीटों, मछलियों, सरीसृपों, पक्षियों और अन्य जीवों का घर होता है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री का यह सुझाव लागू किया गया तो उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों की भौगोलिक संरचना प्रभावित हो सकती है। अधिकारी ने कहा, “पश्चिम बंगाल के लोग अब उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब राज्य की दिशा बदलेगी। मुख्यमंत्री की अज्ञानता के कारण पूरा राज्य देशभर में हास्य का विषय बन गया है।”

बुधवार को दार्जिलिंग की प्रशासनिक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) पर राज्य में बाढ़ की स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि डीवीसी को या तो नियमित रूप से जलाशयों की सफाई (ड्रेजिंग) करनी चाहिए या अपने बांधों को ध्वस्त कर देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा था, आप प्रकृति से खिलवाड़ नहीं कर सकते। नदियों को उनके प्राकृतिक मार्ग से बहने देना चाहिए। इसलिए या तो उचित ड्रेजिंग करें या फिर अपने बांध हटा दें।———————-

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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