
सुलतानपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के जिला सुलतानपुर में बिजेथुआ महोत्सव के छठवें दिन तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने वाल्मीकि रामायण की कथा सुनाते हुए सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रहित से जुड़े गंभीर विषयों पर सारगर्भित विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा,जाति रहे लेकिन जातिवाद नहीं होना चाहिए। भारत में जातियों के बीच प्रेम और सद्भाव की परंपरा अनादि काल से रही है, लेकिन आज चाटुकारिता और असहिष्णुता बढ़ती जा रही है। उच्च पद पर बैठे व्यक्ति को कभी भी पक्षपात नहीं करना चाहिए।
स्वामी रामभद्राचार्य ने परशुराम प्रसंग को उठाते हुए कहा, परशुराम ने निर्दोष राजाओं की हत्या की, लेकिन रावण जैसे अत्याचारी को छोड़ दिया। क्या यह पक्षपात नहीं है? राम ने परशुराम से यही प्रश्न किया था, जिसका उत्तर परशुराम के पास नहीं था। उन्होंने गलती स्वीकार की, पर इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। रामभद्राचार्य जी ने विजेथुआ को विजयस्थ महावीर की तपोभूमि बताते हुए कहा, “यह सिद्ध स्थल है। यहां आने मात्र से मन शुद्ध होता है।” उन्होंने जीवन में दृष्टिकोण की महत्ता बताते हुए कहा, जिसकी दृष्टि नीचे रहती है, वह सृष्टि के नीचे रह जाता है। जिसकी दृष्टि ऊपर होती है, सृष्टि भी उसके अधीन हो जाती है। कथा के दौरान उन्होंने राष्ट्र और समाज से जुड़े कई समसामयिक मुद्दों पर भी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा, पहलगाम में आतंकी घटना अक्षम्य थी, उसका बदला लिया जाना जरूरी था। साथ ही उन्होंने सरकार से आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू करने और जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की भी वकालत की। उन्होंने कहा, हिंदू समाज दो बच्चों तक सीमित है, लेकिन अन्य धर्मों में आबादी बढ़ाने की होड़ है,सरकार को इस असंतुलन पर ध्यान देना चाहिए।
इस अवसर पर डा. रत्नेश तिवारी ने सपत्नीक व्यासपीठ का पूजन किया, तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास ने गुरु अर्चन किया। कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात, पूर्व डीआईजी कृपा शंकर सिंह, डॉ. राम आसरे तिवारी, प्रमोद मिश्र ‘मुन्ना’, रिंकू महाराज, डॉ. सुरेन्द्र प्रताप तिवारी, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह ‘रवि’, योगेन्द्र तिवारी, विजयधर मिश्र, राम विनय सिंह, अमरीश मिश्र, डॉ. हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, अरविंद पांडेय, राहुल पांडेय, सर्वेश मिश्र, रीतेश दूबे, रितेश उपाध्याय, रामूश्यामू उपाध्याय, शीलेश बरनवाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और क्षेत्रीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / दयाशंकर गुप्त
