Haryana

जींद :एएसआई संदीप के पिता की भी दीपावली से पहले हुई थी माैत

घर पर पहुंची संदीप की मां इंद्रावती।

जींद, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । रोहतक के साइबर सेल में तैनात जुलाना निवासी संदीप कुमार लाठर परिवार के लिए दीपावली पर्व शुभ नहीं रहा है। वर्ष 2004 में जब संदीप कुमार 22 वर्ष के थे तो उनके पिता दयानंद जो हरियाणा पुलिस में एएसआई के पद पर थे, ठीक दीपवली के एक दिन पहले छोटी दीपवली पर ट्रेन की चपेट में आ गए थे और यह दुनिया छोड़कर चले गए थे। दीपावली के एक सप्ताह पहले भी फिर पुरानी यादें ताजा हो गई। जब रोहतक के साइबर सेल में तैनात जुलाना के वार्ड नंबर चार निवासी संदीप कुमार लाठर ने गोली मार कर आत्महत्या कर ली।

संदीप की मां इंद्रावती बुधवार को दुखी मन से रोते हुए जुलाना में अपने घर पर पहुंची। इंद्रावती को संदीप की मौत पर गहरा सदमा लगा है। इंद्रावती ने 21 वर्ष पहले अपने पति को छोटी दीपावली के दिन खो दिया था। अब उसका बुढ़ापा का सहारा बेटा संदीप भी इस दुनिया को छोड़ कर चला गया। संदीप कुमार का पोस्टमार्टम होने के बाद अंतिम संस्कार जुलाना में ही किया जाएगा। मृतक संदीप के चाचा के बेटे शीशपाल आर्य ने बताया कि संदीप कुमार करीब पांच-छह वर्षों से अपने परिवार के साथ रोहतक में ही रह रहा था। संदीप की मौत के बाद तीन बच्चों के सिर से बाप का साया उठ गया। संदीप कुमार ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है।

पिता की मौत के बाद संदीप कुमार ने अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की

पिता की मौत के बाद संदीप कुमार ने अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और संघर्ष कर अपने परिवार के लिए रोजी रोटी का जुगाड़ किया। मृतक संदीप के चाचा के बेटे शीशपाल आर्य ने बताया कि मृतक संदीप पांच बहनों का इकलौता भाई था। तीन बहनों की शादी दयानंद ने कर दी थी। दयानंद की मौत के बाद संदीप ने पढ़ाई के साथ-साथ खेतीबाड़ी कर दो बहनों की शादी की और अपनी मेहतन से वर्ष 2007 में उनका सिलेक्शन हरियाणा पुलिस में हो गया। हरियाणा में पुलिस में संदीप कुमार ने बड़े ही निडर एवं ईमानदारी से नौकरी की। कई बार बदमाशों से भी भिड़ गए और कई केसों को सुलझाया। मृतक संदीप का 10 वर्षीय लड़का विहान चौथी कक्षा में पढ़ता है। संदीप की एक लड़की रुपक नौंवी कक्षा में पढ़ाई कर रही है,जबकि बड़ी लड़की प्रतिभा आईआईटी की तैयारी कर रही है। संदीप कुमार का सपना था कि उसकी दोनों लड़की पढ़ लिख कर अधिकारी बनें। संदीप की मौत के बाद जुलाना में मातम छा गया है।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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