
मुंबई,15 अक्टूबर ( हि.स) । दिवाली खुशी, रोशनी और स्नेह का त्योहार है… लेकिन आज भी कुछ कोनों में ऐसा अंधेरा है, जहाँ न तो नए कपड़े मिलते हैं और न ही नाश्ते की खुशबू पहुँचती है। ‘इनर वॉइस सोशल वेलफेयर फ़ाउंडेशन’ ने दहानू तहसील के तवा इलाके में 105 आदिवासी परिवारों के जीवन में दिवाली की रौशनी लाने का एक खूबसूरत काम किया है।
इस पहल के तहत, फ़ाउंडेशन के सदस्यों ने प्रत्येक परिवार को अनाज, नए कपड़े और दिवाली के नाश्ते उपलब्ध कराए। छोटे बच्चों के चेहरों पर खुशी और महिलाओं की आँखों में कृतज्ञता के आँसू… उस पल, फ़ाउंडेशन के कार्यकर्ताओं को त्योहार के असली मायने का एहसास हुआ।
फ़ाउंडेशन ने न केवल भोजन दान किया, बल्कि ज़ाटेपाड़ा स्थित जिला परिषद स्कूल के छात्रों को स्टेशनरी, स्कूल बैग और खेल उपकरण भी भेंट किए। जब बच्चों को नए बैग मिले, तो उनकी आँखें चमक उठीं… और सभी ने महसूस किया, हाँ, हमारे घर भी दिवाली आ गई है।
पूरे कार्यक्रम के दौरान गाँव में उत्सव का माहौल रहा। बच्चों को लड्डू और नाश्ता बाँटा गया। हर घर में दीप जलाए गए और अनेकों लोगों के दिलों में आशा की ज्योति प्रज्वलित हुई, ऐसा फाउंडेशन के अध्यक्ष सुयोग करांडे ने बताया।
इनर वॉइस फाउंडेशन के अध्यक्ष सुयोग करांडे, कोषाध्यक्ष नीलेश शिंदे, उपाध्यक्ष वी. एन. घणावत, साथ ही अमित सी., मुकुल सालुंखे, प्रकाश रोकड़े, रवि बाविस्कर, रोहित केनी, अजिंक्य प्रभु, गणेश हिंगे, यूसुफ हुसैन, एस. बी. बाविस्कर, डी. के. श्रीवास्तव, यशवंत केकरे, प्रज्ञा ठोसर, साक्षी शिंगते, सुजाता करांडे, अंकिता रोकड़े, मयूरी टंडेल और अन्य सदस्य इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे और दिवाली की इस खुशी में शामिल हुए।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
