Uttrakhand

जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दर्म्वाल व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र पर दर्ज अभियोग में अधिवक्ताओं ने आईजी से की मुलाकात

आईजी से मुलाकात के बाद पूरी बात रखते अधिवक्ता पंकज कुलौरा।

नैनीताल, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । नैनीताल जनपद के हल्द्वानी के निकट ग्राम देवला तल्ला पजाया क्षेत्र में लगभग 13 वर्ष पूर्व सरकारी भूमि की खरीद से संबंधित विवादित प्रकरण में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दर्म्वाल व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के पुत्र हरेंद्र कुंजवाल सहित सात लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के अंतर्गत अभियोग दर्ज किया गया है।

इस मामले में दीपा दर्म्वाल के अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई। अधिवक्ता कुलौरा ने आईजी को अवगत कराया कि इस प्रकरण में विक्रेता का समर्थन करते हुए क्रेता पक्ष के विरुद्ध अभियोग दर्ज किया गया है, जबकि विक्रेता को क्रेताओं से कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा कि क्रेताओं ने चेक के माध्यम से विधिसम्मत भुगतान कर भूमि खरीदी और स्टांप शुल्क भी सरकार को जमा किया है। ऐसे में यदि सरकार इस भूमि को अपने अधीन करती है, तो क्रेताओं को भारी आर्थिक क्षति होगी और वे इस मामले में वास्तविक पीड़ित हैं। इस पर आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि प्रस्तुत नये तथ्यों को जांच में शामिल किया जाएगा।

यह है पूरा मामला

अधिवक्ता कुलौरा के अनुसार यह एक जटिल व अनूठा मामला है, जिसमें एक ही भूमि विवाद पर दो अलग-अलग अभियोग दर्ज किए गये हैं। पहले मामले में तत्कालीन तहसीलदार हल्द्वानी सचिन कुमार की शिकायत पर 22 अगस्त 2024 को थाना हल्द्वानी में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 व 120बी के तहत बलवंत मेहरा के पुत्र अरविंद मेहरा और रविकांत फुलारा के विरुद्ध अभियोग दर्ज हुआ था, जो वर्तमान में विवेचनाधीन है और इसकी जांच एसआईटी कर रही है।

बताया गया कि बलवंत मेहरा ने अपनी भूमि की श्रेणी बदलवाने के बाद सीलिंग सीमा से अधिक भूमि होने के कारण 47-48 बीघा जमीन अपने परिचित रविकांत फुलारा को दान कर दी। बाद में फुलारा ने वर्ष 2016 में उक्त भूमि दीपा दर्म्वाल, हरेंद्र कुंजवाल सहित 55-56 लोगों को लगभग 3.25 करोड़ रुपये में बेच दी। सभी ने भूमि सरकारी सर्किल दर पर खरीदी थी।

उधर सूचना अधिकार कार्यकर्ता रविशंकर जोशी की शिकायत पर काठगोदाम थाना पुलिस ने आईजी कुमाऊं के निर्देश पर एक और अभियोग दर्ज किया है। शिकायत में कहा गया कि फुलारा से भूमि दबाव में लेकर खरीद की गई और उसे भुगतान नहीं किया गया। वहीं पहले दर्ज मामले में फुलारा स्वयं को पीड़ित बता चुका है और उसका कहना है कि उसे दानदाता द्वारा धोखा दिया गया।

इस भूमि प्रकरण में जिलाधिकारी नैनीताल द्वारा 11 जुलाई 2024 को श्रेणी परिवर्तन को निरस्त कर रविकांत फुलारा और अरविंद मेहरा के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई के आदेश दिये गये थे, जिन पर बाद में उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश प्रदान किया। वर्तमान में दोनों मामले विचाराधीन हैं और दोनों पक्ष स्वयं को पीड़ित बता रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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