
भागलपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । सैनिक स्कूल गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर के प्राथमिक खंड पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगाकोठी चंपानगर भागलपुर में बुधवार को सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का प्रारंभ क्रीड़ा भारती की श्वेता सुमन, प्रांतीय संयोजिका अनीता सिन्हा, विभागीय संयोजिका डॉ विभा झा, बीएड कॉलेज की अध्यापिका अदिति करवा, प्रभारी प्रधानाचार्य ममता जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
मौके पर श्वेता सुमन ने कहा कि शिक्षा वह अस्त्र है जो सही दिशा में जीवन देगा और सम्मान दिलाएगी। शिक्षा आर्थिक स्वतंत्रता का पहली सीढ़ी है, जिस पर चढ़कर आप जीवन का सुदृढ़ निर्माण कर पाएंगी। जितनी बातें मंच से आज बताई गई है और जितने वीरांगनाओं का नाम आज बताया गया या फिर ऑपरेशन सिंदूर में धूल चटाने वाली दोनों बेटियों हो आप उनसे प्रेरणा लेकर बच्चों में आत्मरक्षा एवं सही शिक्षा का संस्कार डालने का प्रयास करें। प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए अनीता सिन्हा ने गीता के दसवें अध्याय के 34 वें श्लोक में दिए गए नारी की सात शक्तियों को विस्तार पूर्वक समझने का प्रयास किया। कुटुंब प्रबोधन विषय पर भारतीय दृष्टि के संबंध में अदिति कारवां ने कहा कि परिवार को सुरक्षित और संगठित करना है ताकि वह समाज और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सके। देश की वर्तमान स्थिति में महिलाओं का योगदान विषय पर डॉ विभा झा ने कहा कि माता ही तो जगत जननी है। रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होल्कर, चेन्नम्मा जैसी अनेक माता, वीरांगनाओं के बारे में बताकर उनसे प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को एवं स्वयं को आत्मरक्षा और आत्म सम्मान करते हुए समाज में नारी को आगे बढ़ाने की बात बताई एवं पाश्चात्य सभ्यता से दूर रहने की भी बात उन्होंने बताई। पूर्व छात्र डॉ अनुज्ञा की मां नीलू सिन्हा एवं पूर्व छात्र काजल की मां बिंदु देवी को माता के सम्मान के तहत सम्मानित किया गया। अनुभव कथन डॉ नीलम कुमारी एवं पूजा कुमारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर
