नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उच्चतम न्यायालय निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति में चीफ जस्टिस की भूमिका खत्म करने के केंद्र सरकार के कानून पर रोक की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर नवंबर में सुनवाई करेगा। आज समयाभाव की वजह से इस मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले को 11 नवंबर को मेंशन करें ताकि उस दिन बाकी कम जरुरी मामलों की सुनवाई स्थगित की जा सके।
इस मामले में एडीआर के अलावा एक याचिका जया ठाकुर ने दायर की है। याचिका में चयन समिति में चीफ जस्टिस को भी रखने की मांग की गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कुछ वकीलों ने भी याचिका दायर कर रखी है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून को चुनौती देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों में देश के चीफ जस्टिस को भी पैनल में शामिल करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाना जरुरी है।
दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने 2 मार्च 2023 में अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाएगा। जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा इस फैसले पर एक नया कानून बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया में चीफ जस्टिस की बजाय सरकार का एक कैबिनेट मंत्री शामिल कर दिया गया।
बता दें कि 18 फरवरी को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद केंद्र सरकार ने ज्ञानेश को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
