
धमतरी, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दीपावली को लेकर इस बार शहर सहित पूरे जिले में तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। पंचांग और कैलेंडरों में दीपावली की तिथि 20 अक्टूबर, सोमवार बताई गई है, जबकि स्थानीय ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों की मानें तो 21 अक्टूबर, मंगलवार को लक्ष्मी पूजन करना ही शास्त्रसम्मत है। इससे आमजन में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि दीपों का यह पर्व किस दिन मनाया जाए।
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार दीपावली पर्व अमावस्या तिथि की संध्या में प्रदोष काल और स्थिर वृषभ लग्न में मनाना चाहिए, जो इस वर्ष 21 अक्टूबर को ही बन रहा है। 20 अक्टूबर को दिन में अमावस्या नहीं रहेगी, जिससे उस दिन पूजन करना शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं माना जा रहा। विप्र विद्वत परिषद व स्थानीय पंडितों, विद्वानों का कहना है कि 21 अक्टूबर को संध्या के समय ही लक्ष्मी पूजन करना धार्मिक दृष्टि से सही होगा। उनका कहना है कि पर्वों को लेकर केवल पंचांग नहीं, बल्कि काल, तिथि और मुहूर्त का भी ध्यान रखना जरूरी होता है।
इस विषय पर धमतरी के प्रमुख ज्योतिषाचार्य पं. अशोक शर्मा ने बताया कि, अमावस्या का प्रभाव लक्ष्मी पूजन के समय 21 तारीख की शाम को रहेगा और वृषभ लग्न भी उसी समय रहेगा, जो स्थिर लग्न माना गया है। इसलिए दीपावली का पूजन 21 अक्टूबर को करना अधिक उचित होगा। हालांकि कई लोग कैलेंडर की तिथि के अनुसार 20 अक्टूबर को तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में विद्वानों ने लोगों से अपील की है कि स्थानीय परंपरा और शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार ही दीपावली मनाएं, ताकि धार्मिक विधि-विधान पूर्ण रूप से संपन्न हो सके।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
