
कोलकाता, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । कलकत्ता हाई कोर्ट ने भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर हुए हमले के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। मंगलवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति शम्पा दत्त पाल ने निर्देश दिया कि पुलिस को इस हमले से संबंधित केस डायरी अदालत में जमा करनी होगी। इस मामले की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी।
घटना छह अक्टूबर की है, जब दोनों नेता उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने जलपाईगुड़ी के नागराकाटा पहुंचे थे। आरोप है कि वहां उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में लोग लाठी और जूते लेकर उनके ऊपर टूट पड़े। कुछ लोगों ने उनके वाहनों पर पत्थर फेंके, जिससे सांसद खगेन मुर्मू के चेहरे पर चोट लगी और उनकी बाईं आंख के नीचे से खून बहने लगा। विधायक शंकर घोष को भी धक्का दिया गया और उनके हाथ में चोट आई। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, शंकर घोष को बाद में छुट्टी मिल गई, जबकि खगेन मुर्मू अभी भी इलाजरत हैं। इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हमले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अधिवक्ता अनिंद्यसुंदर दास ने हाई कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया और एक जनहित याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में कहा गया कि सांसद और विधायक पर यह हमला जानबूझकर किया गया था, और इसमें हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने मांग की कि इस घटना की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जाए।
हालांकि, न्यायमूर्ति शम्पा दत्त पाल ने फिलहाल एनआईए जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट और पुलिस से केस डायरी जमा करने का निर्देश दिया। अदालत ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच में होगी।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
