
उरई, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उरई तहसील क्षेत्र में धोखाधड़ी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक किसान की लाखों रुपए की जमीन को एक फर्जी व्यक्ति ने उसी के नाम और पहचान पत्र का दुरुपयोग कर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से बेच दिया। पीड़ित किसान ने जिलाधिकारी जालौन से इस पूरे प्रकरण की जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उरई तहसील के ग्राम गढ़र निवासी रामकुमार पुत्र स्व. मूलचन्द्र पटेल ने अन्य किसानों के साथ मिलकर जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र सौंपा। उन्होंने बताया कि मौजा गढ़र में खाता संख्या 00254, खसरा संख्या 348 पर 4.8640 हेक्टेयर भूमि दर्ज है, जिसमें से 1.2160 हेक्टेयर भूमि पर उनका कब्जा है।
किसान रामकुमार का आरोप है कि रामकुमार पुत्र स्व. मूलचन्द्र निवासी मुहल्ला रामनगर, उरई नाम के एक फर्जी व्यक्ति ने उनकी भूमि में से 0.8090 हेक्टेयर जमीन को धोखाधड़ी से बेच दिया। आरोप है कि इस फर्जी व्यक्ति ने 13 अगस्त 2025 को प्रभाकरन पत्नी रमन कुमार निवासी ग्राम बबीना, तहसील कालपी को 10 लाख रुपए में 0.8090 हेक्टेयर जमीन बेची। इसके अतिरिक्त, 0.4050 हेक्टेयर जमीन बादशाह पुत्र जानकी प्रसाद निवासी उमरारखेरा, उरई को 5 लाख रुपए में कब्जा सहित रजिस्टर्ड अनुबंध पत्र के माध्यम से बेच दी।
इन अनुबंधों में प्रेम सिंह निवासी सेना (राठ) और अमित अहिरवार निवासी उमरारखेरा साक्षी रहे। दस्तावेजों का प्रारूप जगपाल यादव एडवोकेट (रजिस्ट्रेशन नं. 8757/2003) द्वारा तैयार किया गया था। पीड़ित किसान का कहना है कि इन सभी लोगों को पता था कि यह भूमि असली रामकुमार की है, फिर भी उन्होंने धोखाधड़ी कर जमीन बेची। किसान को इस फर्जीवाड़े की जानकारी 11 अक्टूबर 2025 को तब मिली, जब उसके भतीजे ने उसे रजिस्ट्री के बारे में बताया। 13 अक्टूबर को जब वह रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे, तो दस्तावेजों की प्रतियां निकलवाने पर पूरा मामला सामने आया।
—————
(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
