Bihar

प्रशिक्षण से गायब 126 कर्मियों पर डीएम की बड़ी कार्रवाई, वेतन पर रोक, 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण की मांग

गोपालगंज, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बिहार विधानसभा आम निर्वाचन की तैयारी के बीच जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निर्वाचन प्रशिक्षण से अनुपस्थित 126 कर्मियों पर सख्त कदम उठाया है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-डीएम पवन कुमार सिन्हा ने बिना कारण बताए प्रशिक्षण से गैरहाजिर रहने वाले कर्मियों का अगले आदेश तक वेतन रोकने का निर्देश दिया है।

साथ ही सभी से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जानकारी के अनुसार, यह सभी कर्मचारी पीठासीन पदाधिकारी, मतदान अधिकारी-1, मतदान अधिकारी-2 और मतदान अधिकारी-3 के रूप में निर्वाचन ड्यूटी के लिए चयनित थे। इन्हें प्रथम चरण के अनिवार्य प्रशिक्षण में उपस्थित होना था, जो चुनाव की तैयारियों का अहम हिस्सा माना जाता है। प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने को डीएम ने भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करार दिया है।

डीएम ने इस पूरे मामले में गंभीरता दिखाते हुए कहा कि निर्वाचन कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अनुपस्थित कर्मियों की सूची तैयार कर चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजी जाए, ताकि आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकें। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, वे अब अपने बचाव में विभिन्न तर्क और सफाई देने में जुट गए हैं। कुछ कर्मी स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे रहे हैं तो कुछ निजी कार्यों में व्यस्त रहने की दलील दे रहे हैं।

हालांकि, जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि निर्वाचन प्रशिक्षण से अनुपस्थित रहने का कोई भी बहाना स्वीकार्य नहीं होगा। डीएम कहा कि निर्वाचन एक संवैधानिक दायित्व है और इस प्रक्रिया में लापरवाही को गंभीर अनुशासनहीनता माना जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से जुड़ी हर गतिविधि की मॉनिटरिंग की जा रही है और आगे भी किसी कर्मचारी ने लापरवाही बरती तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रशिक्षण का उद्देश्य मतदान प्रक्रिया, ईवीएम-वीवीपैट के संचालन, रैंडमाइजेशन प्रक्रिया, मॉक पोल और आचार संहिता के पालन जैसे बिंदुओं की पूरी समझ सुनिश्चित करना है, ताकि मतदान दिवस पर किसी प्रकार की तकनीकी या मानवीय भूल न हो। डीएम की इस सख्त कार्रवाई के बाद जिले के सरकारी कर्मियों में हड़कंप मच गया है। कई कर्मी अब आगामी प्रशिक्षण में किसी भी हालत में उपस्थित रहने की तैयारी कर रहे हैं। निर्वाचन कार्यालय ने भी संदेश जारी कर कहा है कि निर्वाचन कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है, इसे लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / Akhilanand Mishra

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