Madhya Pradesh

सूदखोरों से परेशान युवक ने की आत्महत्या, पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की

उज्जैन, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक और दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक युवक ने कथित तौर पर सूदखोरों से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि युवक पर लंबे समय से ब्याजखोर दबाव बना रहे थे, जिससे तंग आकर उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

देवासगेट थाना पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान हरीश मालवीय (27) पुत्र जुझारसिंह मालवीय निवासी छोटी मायापुरी के रूप में हुई है। शनिवार को हरीश ने घर में ज़हरीला पदार्थ खा लिया था। परिजन उसे गंभीर हालत में तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन रविवार और सोमवार की दरमियानी रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

हरीश के परिवार वालों ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह पिछले कुछ समय से आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। करीब तीन साल पहले उसने छोटी मायापुरी के ही रहने वाले सूरज और सावन नामक व्यक्तियों से 30 हजार रुपए उधार लिए थे। हरीश ने समय पर कर्ज लौटाते हुए 36 हजार रुपए तक चुका दिए थे, लेकिन इसके बावजूद दोनों आरोपी ब्याज पर ब्याज लगाकर उससे और पैसे मांगने लगे। परिजनों का कहना है कि सूरज और सावन लगातार हरीश को धमकाते और दबाव बनाते थे कि वह और रुपए लौटाए। इस मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न से परेशान होकर हरीश ने आत्मघाती कदम उठा लिया।

घटना की सूचना मिलते ही देवासगेट थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसके बाद सोमवार को परिजनों को सौंप दिया गया। फिलहाल पुलिस आरोपियों सूरज और सावन के खिलाफ जांच कर रही है और परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की तैयारी में है। स्थानीय लोगों ने भी इस घटना पर दुख जताया है और प्रशासन से सूदखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। क्षेत्र में कई लोग ऐसे ब्याजखोरों की शिकायत कर चुके हैं जो जरूरतमंदों को ऊंचे ब्याज पर पैसे देकर बाद में अत्यधिक वसूली करते हैं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। यदि परिजनों के आरोप सही पाए गए तो संबंधित आरोपियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

उल्‍लेखनीय है कि हरीश की मौत से इलाके में शोक का माहौल है। परिजन और पड़ोसी उसे एक शांत और मेहनती युवक के रूप में याद कर रहे हैं। आर्थिक दबाव और ब्याजखोरी के इस जाल ने फिर एक परिवार की खुशियाँ छीन लीं।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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