
–दिव्यांगजन कर्मचारियों की सेवा भावना और समर्पण की सराहना
वाराणसी, 13 अक्टूबर (हि.स. )। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने सोमवार को कर्मशाला के विभिन्न शॉप्स, बरेका केंद्रीय चिकित्सालय तथा कर्मचारी कैंटीन का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान महाप्रबंधक ने शॉप फ्लोर का भ्रमण करते हुए निर्माणाधीन कार्यों, लोको उत्पादन की प्रगति, कार्यस्थल की संरक्षा, स्वच्छता और कार्यकुशलता की स्थिति का अवलोकन किया।
उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों से संवाद करते हुए लोको उत्पादन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कार्य की गुणवत्ता में निरंतर सुधार पर बल दिया। उन्होंने स्वच्छता अभियान 5.0 के अंतर्गत चल रहे साफ-सफाई कार्यों की भी सराहना की। इसके उपरांत महाप्रबंधक ने कर्मचारी कैंटीन में स्वयं भुगतान कर अपने सहयोगी कर्मचारियों को चाय पिलाई और उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता व्यवस्था तथा बैठने की सुविधाओं का जायजा लिया। महाप्रबंधक ने इसके बाद बरेका केंद्रीय चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माणाधीन कार्यों की गुणवत्ता का परीक्षण किया तथा बच्चा वार्ड, महिला वार्ड और पुरुष वार्ड में जाकर मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।
महाप्रबंधक ने चिकित्सालय कर्मचारियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का भी निरीक्षण किया और स्वच्छता, सुव्यवस्था एवं डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने चिकित्सालय में हाल ही में स्थापित पूर्णतः स्वचालित बीपी ट्रैकर मशीन का स्वयं उपयोग करते हुए निरीक्षण किया तथा आधुनिक तकनीक के प्रयोग की सराहना की।
निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक ने मानवीय पहल के तहत कॉन्ट्रैक्ट दिव्यांगजन कर्मचारियों की कार्य को विशेष रूप से देखा । उन्होंने सपना (महिला वार्ड), प्रीति (प्रयोगशाला), अनिल यादव (पुरुष वार्ड) एवं कुलदीप (रजिस्ट्रेशन कार्यालय) द्वारा निभाई जा रही मरीजों के डेटा एंट्री और प्रशासनिक कार्यों की सराहना । इस अवसर पर महाप्रबंधक ने कहा कि दिव्यांगजन कर्मचारी शक्ति स्वरूप हैं। उनकी लगन और प्रतिबद्धता मानवीय मूल्यों का प्रतीक है। हम उन्हें हर संभव अवसर और सम्मान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दौरान प्रमुख मुख्य इंजीनियर शैलेन्द्र कुमार सिंह, उप मुख्य इंजीनियर साकेत, डॉ. मधुलिका, डॉ. संतोष कुमार मौर्य आदि मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
