
चंडीगढ़, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा वितरित करने के लिए अपनी निर्धारित 45 दिनों की समय सीमा के बावजूद 30 दिनों के भीतर सबसे अधिक प्रभावित जिले अमृतसर के 631 लाभार्थियों को 5.70 करोड़ रुपये के चेक वितरित किए।
बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा वितरित करने के लिए आयोजित समारोह में सभा को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 सितंबर को उन्होंने घोषणा की थी कि विशेष गिरदावरी करवाने के बाद 45 दिनों के भीतर मुआवजा वितरण शुरू कर दिया जाएगा।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि हालांकि 45 दिनों की यह समय सीमा 28 अक्टूबर को समाप्त हो रही है, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी अथक कोशिशों के माध्यम से समय से पहले ही मुआवजा वितरण शुरू कर दिया है। उन्होंने इस कार्य के लिए मेहनत करने वाले राजस्व विभाग के अधिकारियों और जिला प्रशासन का धन्यवाद किया।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों के प्रति तहेदिल से हमदर्दी जताते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण पंजाब के कई जिलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि परमात्मा की कृपा से पंजाब इस आपदा से उबरने में कामयाब रहा।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार देश और विदेश में बैठे हर उस व्यक्ति की ऋणी है, जिसने इन मुश्किल समय में लोगों का दुख साझा किया और उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण केवल पंजाब के किसानों को ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि पूरे देश को नुकसान हुआ क्योंकि पंजाब देश के खाद्य भंडार में सबसे अधिक योगदान देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतसर जिले में बाढ़ के कारण 198 गांव प्रभावित हुए और विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट के अनुसार 59,793 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फसलें नष्ट हुईं। उन्होंने कहा कि 958 मकान पूरी तरह बर्बाद हो गए और 3,711 मकानों को आंशिक नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि 307 पशुओं का भी नुकसान हुआ। भगवंत सिंह मान ने कहा कि समय पर मुआवजा वितरण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पहली बार गिरदावरी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की गई। उन्होंने कहा कि बाकी बचे लाभार्थियों को भी जल्द ही उनके बैंक खातों में मुआवजा मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान का पता लगाने के लिए राज्य के 2,508 गांवों का विशेष सर्वे करवाया गया था, जिसकी रिपोर्ट के अनुसार साढ़े तीन लाख एकड़ फसल बुरी तरह नष्ट हुई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गिरदावरी के बाद आपत्तियां भी मांगी गई थीं ताकि किसी किसान के साथ अन्याय न हो। इन 2,508 गांवों में से 825 गांवों में आपत्ति की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है और मुआवजा राशि जारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये दिए जा रहे हैं, जो देश में सबसे अधिक है।
उन्होंने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष (एस.डी.आर.एफ.) के तहत केवल 6,800 रुपए प्रति एकड़ दिए जा सकते हैं, जिसमें से पंजाब सरकार 1,700 रुपये का योगदान देती थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से प्रति एकड़ 50,000 रुपए देने की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहली बार पंजाब सरकार अपने हिस्से की राशि बढ़ाकर प्रति एकड़ 20,000 रुपये मुआवजा दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें से पंजाब ने एस.डी.आर.एफ. के 1,700 रुपये के अलावा प्रति एकड़ 13,200 रुपये अतिरिक्त योगदान दिया है, जिससे यह राशि 14,900 रुपये प्रति एकड़ हो जाती है। उन्होंने कहा कि 28 अक्टूबर तक सभी प्रभावित गांवों में मुआवजे का वितरण शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि घरों के नुकसान का आकलन करने के लिए 2,291 गांवों में सर्वेक्षण किया गया था और रिपोर्ट के अनुसार 1,846 गांवों में 30,806 घर/शेड/झुग्गी-झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 23 अक्टूबर से मुआवजे के रूप में कुल 180 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पूरी तरह ढह गए घरों के लिए 1,20,000 रुपये दिए जाएंगे, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 40,000 रुपये दिए जाएंगे, जबकि पिछली सरकारों के समय यह राशि 6,500 रुपये थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2,342 गांवों में सर्वेक्षण किया गया था और 355 गांवों से पशुओं के नुकसान की रिपोर्ट आई थी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार 1,766 पशुओं का नुकसान हुआ, साथ ही 2.2 लाख मुर्गियां मारी गईं और इस नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में कुल 7 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।
—————
(Udaipur Kiran) शर्मा
