Haryana

पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की सद्वभावना यात्रा पहुंची जींद

जींद पहुंची पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की सद्भावना यात्रा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह।

-वाई पूरन कुमार सुसाइड मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराई जाए : बीरेंद्र सिंह

जींद, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हरियाणा में आपसी भाईचारा और सद्भाव बढ़ाने के लिए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की अगुवाई में 5 अक्टूबर को दनौदा के ऐतिहासिक चबूतरे से शुरू हुई सद्भावना यात्रा सोमवार को जींद पहुंची। यात्रा में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी शामिल रहे। जाट धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में दोनों नेताओं ने सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बात की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि स्वर्गीय एडीजीपी वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और इसकी जांच सर्वोच्च न्यायालय के मौजुदा न्यायधीश से करवाई जानी चाहिए। यह बहुत ही निंदनीय है कि इतने बड़े उच्च अधिकारी को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने बताया की सद्भावना यात्रा प्रदेश में आपसी भाईचारा बढ़ाने के उद्देश्य से निकाली जा रही है। जो कि वर्तमान में प्रदेश में लोग धर्म के बजाए जातियों में बंट गए हैं और कुछ लोगों नें अपने निजी स्वार्थ के चलते इन्हेें आपस में बांट दिया है। सभी को एकजुट करने के प्रयास में इसे विभिन्न चरणों में इसे प्रदेशभर में निकाला जा रहा है।

पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वाई पूरन कुमार की घटना दर्शाती है कि किस प्रकार अफसरशाही को भी जातीय भेदभाव का शिकार होना पड़ता है और ऐसे शिर्ष अधिकारी ने अपनी बात को रखने के लिए कोई दरवाजा छोड़ा ही नही, जो उन्होंने नही खटखटाया हो। एक प्रकार से उन्हें कॉरनर में कर दिया गया था। इसलिए वें मांग करते हैं कि इस मामले की जांच किसी सिटिंग जज से कराई जाए। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों देश में तीन घटनाएं घटित हुई। जिसमें एक देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के ऊपर जूता फैंका गया और कुछ लोग उल्टे आरोपित वकील के पक्ष में टिप्पणी कर रहे हैं। जो कि हैरानी की बात है। दूसरी घटना बरेली में हुई। जहां बकायदा वीडियो बना कर अनुसूचित जाति के एक बच्चे को मौत के घाट उतार दिया गया और तीसरी घटना यह हुई, जिसमें एक एडीजीपी स्तर के अधिकारी को आत्महत्या करनी पड़ी। उन्होने बताया की देश को मनुवाद की और ले जाया जा रहा है।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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