हरिद्वार, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । शिक्षा के लिए पात्र का चयन एवं लक्ष्य के लिए समर्पित भाव जरूरी है। गुणवान एवं चरित्र सम्पन्न अध्यापक ही सभ्य समाज का निर्माता बन सकता है।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने गुरुकुल कांगडी सम विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में प्रशिक्षु अध्यापकों के परिसंवाद में यह बात कही। बीपीएड पाठयक्रम (प्रशिक्षु अध्यापक) के छात्रों के लिए परिसंवाद-2025 मे चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तेजी से बदल रहे समाज में मूल्य एवं नैतिकता में आ रही गिरावट चिंता का विषय है। चरित्र-निर्माण इन समस्याओं पर रोक लगाने मंे मददगार साबित हो सकता है। कहा कि अध्यापक को ऐसे गुणों मे समाविष्ट होना चाहिए जो समाज की स्थिति तथा शिक्षा में मूल्यपरक बदलाव के लिए जागरूक समाज व नई पीढी को प्रेरित कर सके। प्रशिक्षु अध्यापकों को इस दिशा मंे अपनी सोच तथा समझ को विकसित करने के लिए अपनी शिक्षण कुशलता के साथ सामाजिक सर्तकता पर भी ध्यान देना चाहिए।
डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि इस प्रकार के परिसंवाद से छात्रों को सामाजिक एवं शिक्षण दोनों पहलुओं के मौलिक परिवर्तन पर ध्यानाकर्षित करने तथा उचित कदम उठाने मंे मदद मिलती है। परिसंवाद-2025 मे अभय कुमार, अंकुर शर्मा, अन्नू, अर्जुन पुंन, आयुष सिंह, दिव्यांश पन्त, हर्षित भटट, कार्तिक पालीवाल, कार्तिकेय कुमार, लोकेश कुमार, लक्की कुमार, निमेष गौतम, निशान्त कुमार प्रशान्त राणा, प्रिन्स कुमार प्रियांशु शर्मा, रूद्व कुमार, सिद्वार्थ, वंश नेगी, विशाल चौधरी आदि उपस्थित रहे। छात्रों ने इस प्रकार के परिसंवाद को सार्थक तथा समय की उपयोगिता के लिए आवश्यक बताया।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
