
जींद, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गांवों की शामलात भूमि पर बने पुराने अवैध मकानों को वैध रूप से नियमित करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। यह प्रक्रिया केवल उन ग्रामीण निवासियों पर लागू होगी, जिन्होंने 500 वर्ग गज या उससे कम क्षेत्रफल की जोहड़ की जमीन एवं ऐसी भूमि जिससे रास्ते में रुकावट हो, उसे छोड़ कर शामलात देह की गैर कृषि भूमि पर 31 मार्च 2004 से पहले मकान बना लिया था।
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने सोमवार को बताया कि संबंधित व्यक्ति को ग्राम पंचायत को आवेदन देना होगा। जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि मकान 31 मार्च 2004 से पहले बनाया गया है। इसके साथ जमाबंदी, खसरा गिरदावरी, साइट प्लान, मकान के फोटोग्राफ एवं कब्जा साबित करने वाले दस्तावेज संलग्न करने होंगे। साथ ही पंचायत द्वारा भूमि उपयोग योजना भी तैयार की जाएगी।
ग्राम सचिव इस प्रस्ताव को आवश्यक दस्तावेजों सहित बीडीपीओ को भेजेगा। बीडीपीओ निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कर प्रस्ताव को डीसी के पास भेजेगा। जिसमें वर्ष 2004 या उसके बाद की कलेक्टर दर भी शामिल होगी। डीसी ने बताया कि यदि ग्राम पंचायत के हित में उपयुक्त समझें तो प्रस्ताव निदेशक पंचायती राज विभाग को स्वीकृति हेतु भेजेंगे। निदेशक पंचायती राज द्वारा 2004 की कलेक्टर दर अथवा पंचायत द्वारा प्रस्तावित दर पर स्वीकृति दी जाएगी। स्वीकृति के पश्चात ग्राम पंचायत द्वारा अधिकृत व्यक्ति के माध्यम से विक्रय पत्र जारी किया जाएगा तथा आवेदनकर्ता को निर्धारित स्टांप शुल्क एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना होगा। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस प्रक्रिया की जानकारी आमजन तक पहुंचाएं और पात्र मामलों को नियमानुसार शीघ्रता से आगे बढ़ाएं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि जिनका कब्जा शामलात भूमि पर है वे अपने कब्जे संबंधी दस्तावेजों सहित समस्त आवश्यक प्रमाण शीघ्र अति शीघ्र खंड विकास कार्यालय में जमा करवाएं ताकि समय पर नियमन की प्रक्रिया पूर्ण की जा सके।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
