Jharkhand

मैथिली की महिला लेखिकाओं में लेखन की चेतना बढ़ी है : नचिकेता

आभासी पद्धति से बातचीत करते  लोग

रांची, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । झारखंड की राजधानी रांची में सोमवार को साहित्य अकादमी की ओर से वेबलाइन साहित्य शृंखला के तहत मैथिली की महिला रचनाकारों का एक आभासी सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें मैथिली की समकालीन महिला रचनाकारों ने आलेख, कविताओं एवं कहानियों का पाठ किया।

सम्मेलन की शुरुआत में साहित्य अकादमी के उप-सचिव एन. सुरेश बाबु ने सभी रचनाकारों एवं आभासी लिंक से जुड़े साहित्य प्रेमियों का स्वागत किया, जबकि मैथिली के कवि-नाटककार, भाषा वैज्ञानिक एवं मैथिली परामर्श मंडल के संयोजक उदय नारायण सिंह नचिकेता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

अध्यक्षीय भाषण में उदय नारायण सिंह नचिकेता ने कहा कि भले ही हिंदी एवं बांग्ला के मुकाबले हमारी मैथिली में महिला रचनाकारों की संख्या कम है, लेकिन मैथिली लेखिकाएं एवं कवयित्रियां विभिन्न विधाओं में समकालीन लेखन की विविधताओं को कुशलता पूर्वक दर्ज कर रही हैं। मैथिली की महिला लेखिकाओं में लेखन की चेतना बढ़ी है, जो खुशी की बात है।

उन्होंने विभिन्न भाषाओं में लेखन के क्षेत्र में विषय वस्तु एवं शिल्प को लेकर हो रहे बदलावों की चर्चा करते हुए मैथिली रचनाकारों से भावी लेखन में विषय-वस्तु के संदर्भ में बदलाव का आह्वान किया। इसके अलावा अन्य भाषाओं के मुकाबले मैथिली साहित्य की कमियों का भी उल्लेख किया।उन्होंने कहा कि हमारी मैथिली की महिला लेखिकाएं वैश्विक तथा भारतीय चिंता एवं चिंतन के साथ-साथ स्त्रीवाद की चुनौतियों एवं संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला है।

सम्मेलन में शामिल डॉ. आभा झा ने मैथिली साहित्य में महिला लेखिकाओं के योगदान पर आलेख का पाठ किया। उन्होंने मैथिली की महिला रचनाकारों के लेखन के विभिन्न आयामों की भी चर्चा की। उन्होंने मैथिली के स्त्रीवादी लेखन की विशेषताओं की विशद चर्चा की और कहा कि मैथिली में लेखिकाओं की संख्या भले ही कम है, लेकिन गुणवत्ता के मामले में वे अन्य भारतीय भाषाओं की लेखिकाओं से किसी भी तरह कमतर नहीं हैं।

कविता सत्र में सुस्मिता पाठक, निवेदिता झा, शारदा झा, सुनीता झा, कामिनी, नेहा झा, मुन्नी कामत ने अपनी-अपनी कविताओं का पाठ किया। कथा पाठ के सत्र में विभा रानी, मेनका मल्लिक, रोमिशा, दीपा मिश्रा और दीपिका झा ने अपनी-अपनी कहानियों का पाठ किया।

करीब पांच घंटे तक चले इस कार्यक्रम में मैथिली लेखिकाओं ने अपनी रचनाओं के माध्यम से मैथिली साहित्य की विविधताओं एवं विशेषताओं को प्रदर्शित किया।————

(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

Most Popular

To Top