
कोरबा, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मशहूर हरियाणवी डांसर सपना चौधरी का पहली बार ऊर्जा नगरी कोरबा आगमन हुआ, लेकिन यह दौरा उनके लिए कड़वे अनुभवों से भरा रहा। कार्यक्रम के बाद बीती देर रात हुए हंगामे में सपना चौधरी और उनकी टीम पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई। पुलिस की समय पर पहुंच और जश्न रिसोर्ट के मालिक करणदीप की मदद से सपना और उनकी टीम की जान बच सकी।
सपना चौधरी ने पुलिस को बताया कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब वह अपने कमरे में आराम कर रही थीं, तभी चार लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने गाली-गलौज करते हुए गोली मारने की धमकी दी और उनकी टीम से मारपीट की। सपना के अनुसार, भीड़ जुटाकर उन्हें डराने और नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
रिसोर्ट मालिक ने दर्ज कराई रिपोर्ट
इस घटना के बाद जश्न रिसोर्ट के मालिक करणदीप ने चारों आरोपिताें के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि आरोपिताें ने सपना चौधरी की टीम से कार्यक्रम में अधिक पैसे लेने का आरोप लगाकर मारपीट की और जब रोका गया तो रिसोर्ट में तोड़फोड़ कर सीसीटीवी कैमरा का डीवीआर और 10 रुपये नकद लूट लिया। लगभग सात लाख रुपये के नुकसान की बात कही गई है। साथ ही करणदीप ने अपने भाई और स्टाफ के साथ मारपीट की भी शिकायत दर्ज कराई है।
सिर्फ एक घंटे में खत्म हुआ शो
बताया जा रहा है कि सपना चौधरी का लगभग ढाई घंटे का कार्यक्रम महज एक घंटे में ही खत्म करना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान भारी अव्यवस्थाएं और हुल्लड़बाजी देखी गई। स्टेज पर नोट फेंकने की हरकतों से नाराज होकर सपना चौधरी कई बार दर्शकों से शालीनता बनाए रखने की अपील करती नजर आईं। कुछ लोग तो स्टेज पर चढ़ने की कोशिश भी करते रहे। इन अव्यवस्थाओं के बीच सपना ने मुश्किल से तीन-चार गानों पर परफॉर्म किया और मंच छोड़ दिया।
दोनों पक्षों ने दर्ज कराई रिपोर्ट
हंगामे के बाद देर रात दोनों पक्ष थाना कोतवाली पहुंचे, जहां काउंटर केस दर्ज किया गया। सीएसपी भूषण एक्का ने बताया कि जश्न रिसोर्ट में हुए घटनाक्रम की जांच की जा रही है और विस्तृत जानकारी शीघ्र दी जाएगी।
‘ऊर्जाधानी’ में ऊर्जावानों का हंगामा
कोरबा में आयोजित इस वीआईपी इवेंट में शहर के नामी-गिरामी और आसपास के जिलों बिलासपुर, जांजगीर-चांपा से भी लोग पहुंचे थे। परंतु अव्यवस्था और हुल्लड़बाजी ने पूरे आयोजन की साख पर दाग लगा दिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आयोजन की अनुमति देने पर पहले ही आपत्ति जताई गई थी, लेकिन उच्च स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। नतीजतन, यह आयोजन लोक कला और संस्कृति की गरिमा पर धब्बा बन गया।
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
