
शिमला, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण सोमवार को राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर होगा। इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई बड़े राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय नेता शिमला पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित सभी कैबिनेट मंत्री भी इस दौरान मौजूद रहेंगे। प्रदेश सरकार ने इस पूरे आयोजन को राजकीय कार्यक्रम घोषित किया है।
सुबह से ही लोगों का रिज मैदान की ओर आना शुरू हो गया है। रिज मैदान में करीब 10 हजार लोगों के जुटने का अनुमान है। कुर्सियां लग चुकी हैं और मंच सजा हुआ है। समारोह के अंत में यहां पहुंचे लोगों के लिए पारंपरिक हिमाचली धाम का आयोजन भी होगा।
प्रशासन ने इस बड़े आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न करवाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। शहर को पांच सुरक्षा सेक्टरों में विभाजित किया गया है। पहला सेक्टर रिज मैदान से वाया आइजीएमसी संजौली तक, दूसरा चर्च से वाया शिवालिक होटल, तीसरा स्कैंडल प्वाइंट से तिब्बतन मार्केट, चौथा मालरोड से लोअर बाजार लिफ्ट तक और पांचवां सेक्टर टक्का बेंच से जाखू क्षेत्र तक रहेगा। इन सभी सेक्टरों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
भीड़ और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए पुलिस ने विशेष योजना तैयार की है। सोलन और बिलासपुर की ओर से आने वाली छोटी गाड़ियों को टूटीकंडी पार्किंग में खड़ा किया जाएगा, जबकि मल्टी एक्सल और टेंपो ट्रैवलर जैसे बड़े वाहनों को आईएसबीटी से कनलोग के बीच पार्क करने की व्यवस्था की गई है। ऊपरी शिमला से आने वाले कार्यकर्ताओं के वाहन संजौली बाईपास पर कॉलेज के नीचे ओवरब्रिज तक ही जाएंगे और वहां से चलौंथी में पार्क किए जाएंगे। ढली टनल से आने वाले वाहनों को नवबहार से छोटा शिमला के बीच पार्क किया जाएगा, वहीं जुन्गा की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए खलीनी से आईएसबीटी तक सड़क पर पार्किंग की व्यवस्था रहेगी।
भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस जवानों की तैनाती की गई है और शहर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग व संकेतक बोर्ड लगाए गए हैं। पुलिस अधिकारियों की टीमें लगातार निगरानी में हैं ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके।
प्रदेश की राजनीति में अपनी गहरी छाप छोड़ चुके स्व. वीरभद्र सिंह की इस प्रतिमा स्थापना को लेकर पूरे प्रदेश में उत्साह का माहौल है। उनके समर्थक और कार्यकर्ता इसे श्रद्धांजलि के साथ उनके योगदान के सम्मान के रूप में देख रहे हैं।
बता दें कि वीरभद्र सिंह का जीवन और उनका राजनीतिक सफर हिमाचल की राजनीति का एक अमूल्य अध्याय रहा है। उनका जन्म 23 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में हुआ था। वे बुशहर रियासत के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे और उन्हें लोग स्नेहपूर्वक श्राजा साहिबश् कहकर संबोधित करते थे। उनकी शिक्षा देहरादून के कर्नल ब्राउन स्कूल, शिमला के सेंट एडवर्ड्स और बिशप कॉटन स्कूल, और दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज में हुई।राजनीति में उन्होंने लंबा और प्रभावशाली सफर तय किया। वे छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और कई बार विधायक, सांसद तथा केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष से लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तक, उन्होंने हर भूमिका में प्रदेश के विकास को प्राथमिकता दी। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उनके कार्य आज भी राज्य के कोने-कोने में दिखाई देते हैं।वीरभद्र सिंह का निधन 8 जुलाई 2021 को 87 वर्ष की आयु में हुआ, लेकिन उनके योगदान को आज भी श्रद्धा से याद किया जाता है। उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और सांसद भी रह चुकी हैं, जबकि बेटे विक्रमादित्य सिंह राज्य सरकार में मंत्री हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
