Uttar Pradesh

भारत की गरिमा को पुनर्स्थापित करने के लिए हुई संघ की स्थापना: वीरेन्द्र जायसवाल

काशी दक्षिण भाग के मानस नगर का विजयादशमी उत्सव
बौद्धिक सत्र में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह

शताब्दी वर्ष: आरएसएस के काशी दक्षिण के सभी 12 नगरों में 25 स्थान पर विजयादशमी उत्सव मना,पथ संचलन

वाराणसी, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को काशी दक्षिण भाग के 12 नगरों में 25 स्थानों पर विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संघ के कार्यकर्ताओं ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया और घोष की धुन पर अनुशासित पथ संचलन करते हुए समाज को संगठित रहने का संदेश दिया।

—गुरुधाम पार्क में आयोजन

काशी दक्षिण भाग के मानस नगर स्थित गुरुधाम पार्क में आयोजित प्रमुख कार्यक्रम में आरएसएस के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. वीरेंद्र जायसवाल ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। अपने बौद्धिक उद्बोधन में उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना भारत की वैभवशाली गरिमा की पुनर्स्थापना के उद्देश्य से हुई थी। उन्होंने कहा, भारत सदियों तक ज्ञान, बल और धन में विश्व में अग्रणी था, परंतु विदेशी आक्रांताओं और अंग्रेजों की नीतियों के कारण हमारी सांस्कृतिक विरासत खंडित हुई। संघ का प्रयास उस गौरव को पुनः प्राप्त करना है। डॉ. जायसवाल ने भारत की पराधीनता के दो प्रमुख कारण बताते हुए कहा कि समाज का एक वर्ग शत्रु से जा मिला था और दूसरा, देश संगठित नहीं था।

—इतिहास से काटने की साजिश का किया उल्लेख

डॉ. जायसवाल ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत की कला, रोजगार और शिक्षा व्यवस्था को नष्ट किया। करीब 16,000 विश्वविद्यालयों और पांच लाख के करीब विद्यालयों को बंद कराया गया। 1835 से शुरू हुआ यह दमन आज भी भाषा, जाति और क्षेत्रवाद के नाम पर जारी है। उन्होंने डॉ. हेडगेवार के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ की शताब्दी वर्ष में संगठन के कार्यों का वर्णन होना चाहिए, न कि केवल आयोजन की शोभा। उन्होंने वर्ष भर में आयोजित होने वाले सात बड़े कार्यक्रमों के संदर्भ में भी स्वयंसेवकों को बताया।

कार्यक्रम में नगर संघचालक रामनारायण द्विवेदी और मुख्य वक्ता डॉ. वीरेंद्र जायसवाल ने शस्त्र पूजन किया। अमृत वचन ‘विहान’ और एकल गीत ‘कुणाल’ ने प्रस्तुत किया। नगर कार्यवाह उपेंद्र ने कार्यक्रम का संचालन किया।

—पथ संचलन में दिखा अनुशासन और उत्साह

उत्सव के पश्चात स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में दंड के साथ पथ संचलन किया, जो गुरुधाम चौराहा, रविंद्रपुरी, संकट मोचन मार्ग होते हुए दुर्गाकुंड से वापस कार्यक्रम स्थल पर आकर समाप्त हुआ। संचलन में स्थानीय नागरिकों ने भी जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

—गंगानगर लंका में भी मना विजयादशमी उत्सव

आरएसएस के काशी दक्षिण के गंगानगर लंका स्थित माधव मार्केट में आयोजित विजयादशमी उत्सव को प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य रामाशीष ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता को प्राप्त करने के लिए अपने इतिहास का ज्ञान आवश्यक है, संघ का उद्देश्य राष्ट्र के लिए ऐसे नागरिक का निर्माण करना है जिसमें आंतरिक छुआछूत का भेदभाव ना हो।संघ समरस समाज बना रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य हरमेश ने की। आरंभ में गंगानगर के सह संघचालक डॉ. वैभव जायसवाल, उद्यमी कैलाश अग्रवाल सहित अन्य अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया।

—लंका चौराहे तक पथ संचलन

प्रार्थना के बाद स्वयंसेवकों का पथ संचलन माधव मार्केट से आरंभ होकर ट्रॉमा सेंटर और लंका चौराहे होते हुए पुनः कार्यक्रम स्थल पर आकर संपन्न हुआ। नागरिकों ने अनुशासित पथ संचलन को सराह पुष्प वर्षा भी किया।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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